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2004 की क्या थी वह घटना? महाकुंभ में अमृत स्न्नान के बाद मां को फोन कर क्यों रो पड़ीं हर्षा रिछारिया 

January 19, 2025 | by Deshvidesh News

2004 की क्या थी वह घटना? महाकुंभ में अमृत स्न्नान के बाद मां को फोन कर क्यों रो पड़ीं हर्षा रिछारिया

महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान रथ पर संतों के साथ बैठी नजर आई हर्षा रिछारिया सुर्खियों में बनी हुई हैं. सोशल मीडिया पर ये काफी छाई हुई हैं, ऐसे में कई लोग हर्षा को ट्रोल भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि हर्षा पब्लिसिटी स्टंट और सुर्खियों में छाने के लिए निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हैं. वो एक ग्लैमर दुनिया से नाता रखती है. लेकिन फेमस होने के लिए साध्वी बनने का नाटक कर रही है.  

परिवारवालों ने किया हर्षा का बचाव

अब अपनी बेटी के बचाव में हर्षा के माता-पिता आए हैं. हर्षा के माता-पिता के अनुसार उनकी बेटी ने तीन साल पहले ही ग्लैमर की दुनिया को छोड़ दिया था और धर्म का मार्ग अपनाया था. हर्षा के परिवार वालों ने कहा कि अगर उनकी बेटी ने अब धर्म का मार्ग चुना है, तो इसमें गलत क्या है. दूसरे देशों से आई महिलाएं जब महाकुंभ में स्नान करतीं हैं, तब उनकी वाहवाही की जाती है. लेकिन अपनी देश की बेटी ने जब एक गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ में स्नान किया तो उसे पाखंडी का जा रहा है, इतनी नफरत क्यों? हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया ने कहा कि उनकी बेटी ने झूठ नहीं बोला है. ये तो कुछ लोगों हैं जिन्होंने अपने मन से बातें बनाईं और फैलाई .

शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने, धर्म को जानने, सनातन संस्कृति को समझने के लिए आई थी आपने उसे इस लायक भी नहीं छोड़ा कि वो पूरे कुंभ में रुक सके. वो कुंभ जो हमारे जीवन में एकबार आता है. आपने कुंभ एक इंसान से छीन लिया. इसका पुण्य का तो नहीं पता लेकिन आनंद स्वरूप जी ने जो किया है इसका पाप उन्हें जरूर लगेगा.

हर्षा रिछारिया

फोन पर रोने लगी थी हर्षा

हर्षा के बारे में बात करते हुए उनकी मां की आंखे नम हो गई. हर्षा की मां किरण रिछारिया ने बताया कि उनकी बेटी का फोन आया था. साल 2004 का एक किस्सा याद कर फोन पर हर्षा रो पड़ी थी. साल 2004 के उस किस्से को याद करते हुए किरण रिछारिया ने बताया कि उज्जैन में कुंभ लगा था को शाही स्नान के लिए हर्षा साधु और संतों के स्नान के लिए बनाई गई जगह पर चले गई थी. वहां पर मौजूद पुलिस ने हर्षा को धक्का दे दिया था और स्नान नहीं करने दिया था. तब हर्षा ने कहा था कि वो एक दिन साधु-संतों के बीच ही स्नान करके दिखाएगी. हर्षा हाल ही में फोन कर साल 2004 का ये किस्सा याद कर रोने लगी थी.

 

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