Maha Kumbh 2025: यूपी सरकार ने महाकुंभ में फूड क्वालिटी की जांच के लिए मोबाइल लैब को किया लॉन्च
January 16, 2025 | by Deshvidesh News

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक, महाकुंभ मेला 2025, 144 वर्षों के बाद होने वाले एक दुर्लभ खगोलीय संरेखण के बाद प्रयागराज में शुरू हुआ. अपने अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व के लिए जाने जाने वाले इस आयोजन ने दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित किया है. इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने की वजह से लोगों की सुरक्षा और उनके खान-पान का भी खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती रहती है. लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र के अंदर स्थित भोजनालयों में खाने की क्वालिटी का निरीक्षण करने के लिए मोबाइल लैब की तैनाती की घोषणा की है. इस पहल का उद्देश्य खाने की स्वच्छता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखना है.
सहायक खाद्य आयुक्त (ग्रेड 2) सुशील कुमार सिंह ने तीर्थयात्रियों को मिलावटी या खराब खाने को बांटने से रोकने में ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ की भूमिका पर प्रकाश डाला है.
सिंह ने कहा, “ये मोबाइल लैब भोजन और पेय पदार्थों की जांच करते हैं. होटलों, ढाबों और स्टालों पर रेगुलर जांच की जा रही है और खाने से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मेले में आने वाले लाखों लोगों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
सरकार ने कहा, “मेले को पांच जोन और 25 सेक्टरों में बांटा गया है, प्रत्येक सेक्टर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्वच्छता और सुरक्षा मानकों की निगरानी कर रहे हैं.”
इसमें कहा गया है, “सभी खाद्य सुरक्षा कार्यों का समन्वय सेक्टर 24 में संकट मोचन मार्ग पर केंद्रीय कार्यालय से किया जाता है, जो पूरे मेले में निगरानी और टीम की तैनाती की देखरेख करता है.”
सरकार ने कहा कि जबकि खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रत्येक क्षेत्र का प्रबंधन करते हैं, मुख्य अधिकारी हर पांच क्षेत्रों में संचालन की निगरानी करते हैं. इसमें कहा गया है कि झूंसी क्षेत्र के 14 सेक्टरों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
13 जनवरी को महाकुंभ के पहले दिन त्रिवेणी संगम पर करीब 1.75 करोड़ श्रद्धालु जुटे. मकर संक्रांति के साथ दूसरे दिन यह संख्या दोगुनी होकर 3.5 करोड़ हो गई. उत्तर प्रदेश सरकार को 26 फरवरी को समाप्त होने वाले अगले छह हफ्तों में 40-45 करोड़ तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के आने का अनुमान है.
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