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13 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ी है ये एक्ट्रेस, कभी-कभी तो पेड़ के नीचे भी लगती थी क्लास, सलवार-कमीज वाली फोटो में पहचानना मुश्किल 

January 14, 2025 | by Deshvidesh News

13 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ी है ये एक्ट्रेस, कभी-कभी तो पेड़ के नीचे भी लगती थी क्लास, सलवार-कमीज वाली फोटो में पहचानना मुश्किल

बॉलीवुड सितारों की पुरानी तस्वीरें देखना हमेशा मजेदार होता है. इस मामले में सोशल मीडिया एक वरदान साबित हुआ है! सेलिब्रिटीज अपने फैन्स की रोजमर्रा की जिंदगी की झलक देखने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. अमिताभ बच्चन से लेकर आलिया भट्ट तक ज्यादातर सेलिब्रिटी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियों में से एक एक्ट्रेस ने हाल ही में अपने स्कूल के दिनों की एक पुरानी तस्वीर शेयर की है.

सोशल मीडिया पर इस डीवा ने जो तस्वीर शेयर की उसमें उन्होंने याद किया कि कैसे उन्होंने अपने पिता के पेशे की बदौलत 13 अलग-अलग स्कूल बदले. उन्होंने पहाड़ों में एक साधारण जिंदगी जीने के बारे में बताया और दोस्तों और जंगल से जुड़े किस्से शेयर किए. एक्ट्रेस की शेयर की गई तस्वीर में वह अपने स्कूल के दोस्तों के साथ पोज दे रही हैं और उन्होंने अपने फैन्स से उन्हें पहचानने के लिए भी कहा.

सेलिना जेटली पुरानी यादों में खो गईं

ये कोई और नहीं बल्कि एक्ट्रेस सेलिना जेटली हैं. सितंबर 2024 में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की और पहाड़ों में अपने जीवन के बारे में एक लंबा नोट लिखा. उन्होंने बताया कि उनके पिता भारतीय सेना में एक इन्फैंट्री ऑफिसर थे और इसीलिए उन्होंने 13 अलग-अलग स्कूल बदले. उनके सबसे पसंदीदा स्कूल केन्द्रीय विद्यालय और आर्मी पब्लिक स्कूल थे फिर उन्होंने कुमाऊं की पहाड़ियों में बिताए अपने दिनों को याद किया.

उन्होंने बताया कि कभी-कभी स्कूल तो होता था लेकिन उसमें टीचर नहीं होते थे और कभी-कभी टीचर तो होते थे लेकिन क्लास टूटी होती थी. उन्होंने बताया कि कैसे साधारण जीवन ने उन्हें अपने जीवन के सबसे अहम लोगों से मिलने का मौका दिया. 

उनकी पोस्ट में लिखा था, “90 के दशक के आखिर में ऊंचे #हिमालयी पहाड़ों के पीछे और परे केवी केन्द्रीय विद्यालय में हम बेहद सिंपल जिंदगी जीते थे. #सलवार कमीज #वर्दी पहनते थे #तेंदुओं के बारे में बात करते थे जो पिछली रात हमारी कक्षा में सोए होते थे और हमारे मन और आंखों में बड़े सपने थे. भले ही हमारे पास कुछ स्कूलों में कई सब्जेक्ट के टीचर नहीं थे. कभी-कभी हम पेड़ों के नीचे भी पढ़ते थे, हम अपने टिफिन शेयर करते थे, घर जाते समय जामुन और सेब खाते थे और एक बार भी हमने किसी भी हालात में अपने सपनों को नहीं छोड़ा.” 

 

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