भगदड़… 30 की मौत, 60 जख्मी ; महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दिन क्या-क्या हुआ?
January 30, 2025 | by Deshvidesh News

Prayagraj MahaKumbh : 28 जनवरी की रात… कौन जानता था कि महाकुंभ में अमृत स्नान करने आए 30 लोगों के नसीब में मौत लिखी है. लाखों श्रद्धालु इस पवित्र अवसर पर संगम के किनारे अमृत स्नान के लिए जमा हुए थे. लेकिन जो कुछ घटित हुआ, उसने हर किसी को हैरान कर दिया. मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के लिए जुटी भीड़ इतनी बढ़ गई कि प्रशासन की योजना के बावजूद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. रात लगभग 1:45 से 2 बजे के बीच बैरिकेडिंग को लांघते हुए लोग संगम की ओर भागने लगे. कई लोग उन परिवारों पर गिर पड़े, जो पॉलिथीन बिछाकर सो रहे थे.

कैसे हुआ हादसा?
- मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नोज पर अमृत स्नान करने की प्रबल इच्छा लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. हर कोई इस पवित्र क्षण का भागीदार बनना चाहता था. इसके चलते वहां अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई.
- जो श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन ही स्नान करने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर डेरा जमा लिया था. प्रशासन ने विभिन्न अखाड़ों के लिए सुबह 5 बजे से शुरू होने वाले अमृत स्नान के लिए अलग से रास्ता आरक्षित किया था.
- रात लगभग 1 बजे… स्नान के लिए जाने वाले रास्ते पर भीड़ अपनी क्षमता से अधिक हो गई. पुलिस और प्रशासन योजना के अनुसार बैरिकेडिंग से लोगों को घाट तक ले जाने और वापस लाने की व्यवस्था कर रहे थे. हालांकि, अप्रत्याशित भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई.
- लगभग 1:45 बजे लोग अनियंत्रित होकर बैरिकेडिंग कूदकर संगम की ओर जाने लगे. इस भगदड़ में बैरिकेडिंग कूदने वाले लोग उन परिवारों पर गिर पड़े जो वहां सो रहे थे. इसके बाद भीड़ ने अचानक लोगों को रौंदना शुरू कर दिया, जिससे कई लोग घायल हो गए. तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए.
- लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई. घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया.
- महाकुंभ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन योजना लागू की गई और श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया. श्रद्धालुओं के समूहों को शहर के बाहरी हिस्से में रोक दिया गया.
30 लोगों की मौत और 60 घायल
भगदड़ के करीब 17 घंटे बाद मेला मैनेजमेंट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया. DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि 90 लोग घायल हुए थे. इनमें से 30 लोगों की मौत हुई है. 60 लोगों का इलाज चल रहा है. 25 शवों की शिनाख्त हो चुकी है. भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के शवों को मेडिकल कॉलेज की मोर्चुरी में ले जाया गया है. DIG ने 29 जनवरी को VIP प्रोटोकॉल नहीं होने की बात कही.

अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से कर दिया था इनकार
भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बाद में हालात सामान्य होने के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान में भाग लिया. स्नान के लिए संगम में साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई. सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया.
प्रयागराज आने वाले कई एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया गया था.
प्रयागराज में बुधवार को 9 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे. श्रद्धालुओं का संगम तट पर आना लगातार जारी है. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन ने प्रयागराज आने वाले 8 एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया था. हालांकि, बाद में स्थित सामान्य होने के बाद एंट्री खोल दिए गए.
भदोही-वाराणसी बॉर्डर पर 20 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ था. चित्रकूट बॉर्डर पर भी जाम की स्थिति रही. कौशांबी बॉर्डर पर 50 हजार से ज्यादा गाड़ियों को रोका गया था और वहां 5 घंटे से जाम की स्थिति बनी हुई थी. फतेहपुर-कानपुर बॉर्डर पर भी जाम देखा गया था. प्रतापगढ़ बॉर्डर पर 40 हजार वाहनों को रोका गया था. जौनपुर बॉर्डर पर प्रयागराज जाने वाली सभी बसों को रोका गया था. मिजापुर बॉर्डर पर भी लंबा जाम लगा हुआ था और रीवा बॉर्डर पर भी गाड़ियों को रोका गया था.
प्रयागराज में हालात सामान्य
प्रयागराज में महाकुंभ से जुड़ी भगदड़ जैसी स्थिति के बाद अब हालात पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कुंभ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हैं. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार बात की और राहत पहुंचाने के लिए जरूरी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हालात अब नियंत्रण में हैं, हालांकि प्रयागराज में श्रद्धालुओं का भारी दबाव बना हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि भगदड़ की घटना बैरिकेड को फांदने के कारण हुई. सीएम ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें. उन्होंने बताया कि आज लगभग 9 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं.
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