दक्षिण भारत की 10 ऐसी जगह जहां आप सेलिब्रेट कर सकते हैं पोंगल
January 14, 2025 | by Deshvidesh News

Best Place To Celebrate Pongal: पोंगल का त्योहार भारत में खुशियों और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. यह त्योहार विशेष रूप से दक्षिण भारत (Pongal in South India) में फसल कटाई के बाद मनाया जाता है. इस साल पोंगल 14 जनवरी को है और इसे पूरे देश में उत्साह के साथ मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के (Places to visit during Pongal) अलावा केरल में भी पोंगल का जश्न मनाने का एक अलग ही उत्साह होता है. केरल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है और पोंगल के अवसर पर इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है. इस पर्व के दौरान केरल की यात्रा करना एक अविस्मरणीय अनुभव बन सकता है. यहां के लोग पोंगल को ‘मकर संक्रांति’ के तौर पर भी मनाते हैं, जिसमें सूर्य की पूजा होती है और नई फसल के आगमन का स्वागत किया जाता है.
केरल में पोंगल (Celebrate pongal in south india) का त्योहार मनाने के लिए कुछ प्रमुख स्थानों में त्रिवेंद्रम, कोच्चि और अल्लेपी शामिल हैं. त्रिवेंद्रम में आप पद्मनाभस्वामी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं, जहां धार्मिक श्रद्धा के साथ पर्यटक शांति का अनुभव करते हैं. कोच्चि की पोनमुदी पहाड़ियां प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थल है, जहां आप पोंगल के उत्सव का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा अन्य कई जगह हैं जहां आप पोंगल को सेलिब्रेट कर सकते हैं. आइए ऐसी दस जगहों के बारे में जानते हैं जहां जाकर पोंगल सेलिब्रेट किया जा सकता है.
अल्लेपी – Alleppey
अल्लेपी अपने बैकवाटर और हाउसबोट के लिए प्रसिद्ध है. पोंगल के मौके पर यहां परंपरागत केरल डिश के साथ हाउसबोट में समय बिताना एक यादगार अनुभव बनता है. हर्षोल्लास के माहौल में पर्यटक इस बात को महसूस करते हैं कि कैसे विभिन्न संस्कृतियां और परंपराएं भारत को जोड़े हुए हैं.
चेन्नई – Chennai
चेन्नई शहर पारंपरिक और आधुनिक पोंगल उत्सवों का मिलाजुला रूप दिखाता है. आपको घरों के सामने जटिल कोलम (रंगोली) देखने को मिलेगी. यह सबसे अच्छा समय है कि पोंगल के स्वादिष्ट डिश कैसे बनाए जाते हैं. आप शास्त्रीय डांस देखने के लिए कलाक्षेत्र फाउंडेशन जैसे शहर के सांस्कृतिक केंद्रों पर जा सकते हैं.
तंजावुर – Thanjavur
तंजावुर भारत में सांस्कृतिक रूप से सबसे समृद्ध स्थानों में से एक है, इसलिए पोंगल त्योहार के दौरान इस तटीय शहर से बेहतर क्या हो सकता है? यह शहर बृहदेश्वर मंदिर के लिए सबसे लोकप्रिय है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यहां जाकर पारंपरिक संगीत, डांस और तमिलनाडु की कृषि विरासत की गहराई का आनंद ले सकते हैं.
कोयंबटूर – Coimbatore
जब आप कोयंबटूर में हों, तो आप सामुदायिक कार्यक्रमों, पारिवारिक समारोहों और मंदिर अनुष्ठानों के साथ पोंगल मना सकते हैं. शहर आपको निराश नहीं करता. सकराई पोंगल जैसे पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाना न भूलें और ग्रामीण खेलों में भाग लें.
मदुरै – Madurai
मंदिरों का शहर मदुरै पोंगल को भव्यता के साथ मनाता है. आप यहां त्योहार अनुष्ठानों और समारोहों का हिस्सा बनने के लिए मीनाक्षी अम्मन मंदिर जाएं. शहर में जल्लीकट्टू (बैल को काबू में करने का खेल) जैसे पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाता है, जो त्योहार को और भी रोमांचक बना देता है.
आट्टुकाल भद्रकाली मंदिर -Attukal Bhagavathy Temple
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित आट्टुकाल मंदिर एक महत्वपूर्ण और पवित्र स्थल है, जो देवी भद्रकाली को समर्पित है. इस मंदिर का धार्मिक महत्व इस कदर प्रसिद्ध है कि यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. ऐसा माना जाता है कि देवी भद्रकाली के दर्शन मात्र से भक्तों के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और उन्हें मानसिक शांति मिलती है. आट्टुकाल भद्रकाली मंदिर विशेष रूप से पोंगल उत्सव के लिए प्रसिद्ध है. पोंगल के अवसर पर मंदिर में एक विशेष पूजा का आयोजन होता है, जो अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है. इस पूजा में हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.
तिरुचिरापल्ली -Tiruchirappalli
तिरुचिरापल्ली (त्रिची) त्रिची में पोंगल त्योहार बहुत अच्छे से मनाया जाता है. रॉकफोर्ट मंदिर और श्रीरंगम मंदिर में त्योहार मनाने के लिए विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं.
सलेम -Salem
देहाती पोंगल के अनुभव के लिए सलेम एक आदर्श स्थान है. यहां, त्योहार पारंपरिक खेलों, बैलगाड़ी दौड़ और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ मनाया जाता है. खुली आग पर पोंगल डिश तैयार करने में स्थानीय लोगों के साथ जुड़कर आप इसका आनंद ले सकते हैं.
थेनी- Theni
थेनी में आप प्रकृति के बीच त्योहार का अनुभव करें. यहां मिट्टी के बर्तनों में पकवान बनते हैं.
कन्याकुमारी-Kanyakumari
कन्याकुमारी में पोंगल मनाने का अपना अलग मजा है. अगर आपको समय मिले तो विवेकानंद रॉक मेमोरियल भी जाएं. अगर आपके पास कन्याकुमारी में कुछ अतिरिक्त दिन हैं, तो कन्याकुमारी की सबसे ऊंची पहाड़ी, मारूंथुवाझ मलाई की यात्रा की प्लानिंग करें. 1.5 घंटे का ट्रेक करके आप सबसे टॉप पर जा सकते हैं. जहां से आप बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर का संगम देख पाएंगे.
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