बेटे की परवरिश में जरूर ध्यान रखनी चाहिए ये 5 बातें, आपका लाडला सभी से पाएगा सम्मान
January 28, 2025 | by Deshvidesh News

Parenting: बेटे और बेटियों की परवरिश माता-पिता यही सोचकर करते हैं कि जीवन में बच्चे आगे बढ़ें, लोगों से सम्मान प्राप्त करें, नाम कमाएं और एक अच्छे व्यक्ति बनें. लेकिन, बेटे (Son) और बेटी की परवरिश में अक्सर ही अंतर देखने को मिलता है. लड़कों पर परिवार ही नहीं बल्कि उनकी संगति का भी खूब असर पड़ता है. ऐसे में बेटे की परवरिश में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. यहां जानिए बेटे की परवरिश में किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए और किस तरह बेटे की परवरिश करें जिससे ना सिर्फ वह सम्मान देना सीखे बल्कि उसे लोगों से सम्मान भी मिले.
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बेटे को जरूर सिखानी चाहिए ये 5 बातें | 5 Things You Must Teach Your Son
वाणी पर संयम रखना
बेटे को वाणी पर संयम रखना सिखाया जाना बेहद जरूरी है. लड़के अपने दोस्तों के साथ अक्सर ही गाली देने वाले लहजे में बात करने की आदत डाल लेते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बेटे को ऐसी आदत लगने से रोका जाए और सिखाया जाए कि शुद्ध वाणी होना कितना जरूरी है और अपने शब्दों पर किस तरह से कंट्रोल करना आवश्यक है.
किसी के बहकावे में ना आना
बढ़ती उम्र में लड़के अकसर ही ऐसे काम करने लगते हैं जिन्हें वे करना तो नहीं चाहते हैं लेकिन उन्हें कोई चैलेंज दे तो खुद को प्रूव करने के लिए वे कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं. बेटे को समझाएं कि अगर कोई कुछ करने के लिए कहे तो अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करे और बहकावे में ना आए.
जिम्मेदारी समझना
बच्चों को अपनी उम्र के हिसाब से जिम्मेदारियां (Responsiblities) निभाना सिखाया जाना चाहिए. जिम्मेदार बच्चे जीवन में आगे तो बढ़ते ही हैं साथ ही उन्हें किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ता है. आत्मनिर्भर होने के लिए जिम्मेदार होना भी आवश्यक होता है.
हमेशा सीखने के लिए तत्पर रहना
बच्चों को यह सिखाया जाना जरूरी है कि जीवन में सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और जीवनभर सीखते रहना भी अच्छा है. कम उम्र से ही सीखने की ललक और कुछ नया सीखने के लिए तत्पर रहना अच्छा होता है. बच्चों में कोई नई-नई चीजें सीखते रहने के लिए प्रेरित करते रहें.
छोटे-बड़े सबको सम्मान
बेटे को सिखाएं कि सम्मान (Respect) की भावना मन में होना कितना आवश्यक है. बिना किसी मतलब के भी सम्मान दिया जा सकता है. घर में ही छोटे भाई बहनों के प्रति बेटे का व्यवहार जरूर देखें. उसे सिखाएं कि भाई-बहनों को सम्मान देना भी आवश्यक है तभी सम्मान प्राप्त भी होता है.
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