दिल्ली में जाट वोट का क्या है गणित, केजरीवाल ने क्यों खेला ओबीसी लिस्ट वाला कार्ड; 5 पॉइन्ट में समझिए
January 9, 2025 | by Deshvidesh News

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Asembly Eections) के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. इस बीच मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए सभी दलों की तरफ से तैयारी तेज कर दी गयी है. बीजेपी और AAP दोनों ही इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए कोशिश कर रही हैं. एक दौर में जाट मतों का बड़ा हिस्सा बीजेपी को मिलता रहा था. हालांकि पिछले चुनावों में कई सीटों पर इसमें बिखराव देखने को मिला. दिल्ली में जाट समुदाय के पास एक मजबूत सामाजिक और राजनीतिक नेटवर्क है. जाट समुदाय के वोट बैंक को दिल्ली के चुनाव में बेहद प्रभावी माना जाता है. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जाट को केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की मांग कर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. आइए जानते हैं ओबीसी वोट बैंक दिल्ली में क्यों महत्वपूर्ण है.
- दिल्ली में लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स: दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10 प्रतिशत मानी जाती है. दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं. दिल्ली की 8 ऐसी सीटें हैं जो जाट बहुल है. इन सीटों पर हार और जीत जाट मतों से तय होता रहा है.
- जाट सीटों का क्या रहा है गणित: जाट बहुल 8 सीटों में से 5 पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है. वहीं तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी जाट वोटर्स को साधने के लिए लगातार कदम उठा रही है. दिल्ली के चुनावों में बीजेपी को जाट वोटर्स का साथ भी मिलता रहा है.
- जाट समुदाय की दिल्ली की राजनीति पर अच्छी पकड़: दिल्ली के जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण की अपनी सियासी अहमियत है. धार्मिक आधार पर देखें तो कुल 81 फीसदी हिंदू समुदाय के वोटर हैं. हालांकि हिंदू समुदाय के वोट में कई जाति समूहों का अलग-अलग चंक रहा है. हिंदू वोटर्स में सबसे बड़ा प्रभाव जाट समुदाय का देखने को मिलता है.
- संगठित वोट बैंक:जाट समुदाय आमतौर पर एक संगठित वोट बैंक के रूप में कार्य करता है। यह समुदाय आमतौर पर अपनी राजनीतिक ताकत को समझता है और एकजुट होकर मतदान करता है, जिससे उसकी सामूहिक शक्ति बढ़ जाती है। जब जाट समुदाय किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करता है, तो यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है.
- दिल्ली के गांवों में जाट वोटर्स का दबदबा: दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत गांव पर जाट वोटर्स का दबदबा देखने को मिलता है. दिल्ली के ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जाट वोटर ही हार-जीत जाट वोटर्स तय करते रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नई दिल्ली सीट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे स्व.साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है. प्रवेश साहेब सिंह वर्मा के मार्फत बीजेपी जाट वोटर्स को साधना चाहती है.
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जाट वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगाया . केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के जाट समाज के साथ बीजेपी ने बहुत बड़ा धोखा किया है. दिल्ली सरकार की ओबीसी लिस्ट में जाट समाज आता है.लेकिन केंद्र सरकार की दिल्ली में ओबीसी लिस्ट में जाट समाज नहीं आता.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज के लोग जब केंद्र की किसी योजना का लाभ लेने जाते है तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता.4 बार पीएम मोदी ने जाट समाज के लोगों को कहा था कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा लेकिन नहीं किया.
ये भी पढ़ें:-
केंद्र सरकार की OBC लिस्ट में दिल्ली के जाट क्यों नहीं- अरविंद केजरीवाल
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
कैलिफोर्निया : 17 साल के छात्र के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिली शिक्षिका, गिरफ्तार
March 2, 2025 | by Deshvidesh News
डोनाल्ड ट्रंप की सबसे पहले भारत और चीन का दौरा करने की चर्चा, संदेश क्या है?
January 20, 2025 | by Deshvidesh News
सलमान खान का 32 साल बाद 90s की को स्टार संग रियूनियन, शीबा साबिर ने फिल्म के सेट से शेयर की फोटो, फैंस Guess कर रहे मूवी का नाम
February 22, 2025 | by Deshvidesh News