Vijaya Ekadashi 2025: इस दिन रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत, भगवान विष्णु के इन मंत्रों का कर सकते हैं जाप
February 18, 2025 | by Deshvidesh News

Vijaya Ekadashi 2025: सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक है विजया एकादशी. इसे विजय पाने वाली एकादशी भी कहा जाता है. मान्यतानुसार विजया एकादशी के दिन पूरे मनोभाव से पूजा संपन्न की जाए तो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आशीर्वाद से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय मिलती है. इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों और समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भी विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है. यहां जानिए फाल्गुन माह में विजया एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और किन मंत्रों (Vishnu Mantra) का जाप करके इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का प्रयास किया जा सकता है.
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विजया एकादशी कब है | Vijaya Ekadashi Date
पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. विजया एकादशी की तिथि फाल्गुन माह में 23 फरवरी की दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 24 फरवरी की दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 24 फरवरी के दिन विजया एकादशी का व्रत (Vijaya Ekadashi Vrat) रखा जाएगा.
विजया एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा
एकादशी की पूजा के लिए सुबह-सवेरे उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का ध्यान लगाया जाता है और व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना बेहद शुभ होता है. माना जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते पूजा में शामिल करने बेहद शुभ होते हैं लेकिन इन पत्तों को एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें और एकादशी के दिन इन्हें तोड़ने से परहेज करें. एकादशी पर तुलसी में पानी डालना भी वर्जित होता है.
पूजा करने के लिए चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. अब भगवान के समक्ष गंगाजल अर्पित करें. पुष्प, फल और चंदन अर्पित करने के बाद धूप-दीप प्रज्जवलित करें और फिर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें. अब आरती करके और भगवान को भोग लगाकर पूजा का समापन करें. इस तरह विजया एकादशी की पूजा पूरी होगी और घर-परिवार पर भगवान विष्णु की कृपादृष्टि बनी रहेगी.
विजया एकादशी के मंत्र
– ॐ विष्णवे नम:
– श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
– ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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