USAID फंडिंग पर BJP कांग्रेस में घमासान, सोशल मीडिया पर आपस में उलझे जयराम रमेश और अमित मालवीय
February 24, 2025 | by Deshvidesh News

अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी की ओर से भारत में ‘वोटर टर्नआउट’ बढ़ाने के लिए की गई कथित फंडिंग से उठा राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी लगातार एक दूसरे हमलावर है. कांग्रेस ने इसे देश को गुमराह करने के लिए एक और ‘जुमला’ बताया, जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया.
USAID पर जयराम नरेश ने क्या कहा
अब इस मामले में ताजा लड़ाई सोमवार सुबह की तब फिर से शुरू हुई जब कांग्रेस प्रवक्ता और दिग्गज नेता जयराम रमेश ने वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की और कहा कि विवादास्पद यूएसएआईडी (यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) स्कीम सात परियोजनाओं में शामिल है और यह सरकार के सहयोग से किया जा रहा है.
जयराम के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि यह कांग्रेस और उसके तंत्र की विवादास्पद यूएसएआईडी फंडिंग से ध्यान हटाने की हताशा है. फंडिंग की बारीकियों को बताते हुए उन्होंने बताया, “जिन यूएसएआईडी परियोजनाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वे आधिकारिक सरकार-से-सरकार भागीदारी हैं, जिन्हें पारदर्शी तरीके से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) के रूप में क्रियान्वित किया जाता है. केंद्र इन निधियों को विकास के लिए राज्यों को देता है, जो सहकारी संघवाद के ढांचे के भीतर है.”

अमित मालवीय ने कांग्रेस पर साधा निशाना
मालवीय ने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय की 2023-24 की रिपोर्ट में उल्लिखित परियोजनाएं, जिसे जयराम रमेश ने साझा किया है, 2010-11 में शुरू की गई थीं और 2014-15 की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है. जयराम रमेश के मुताबिक यूएसएआईडी वर्तमान में देश में सात परियोजनाओं में शामिल है, जिनका संयुक्त बजट 750 मिलियन डॉलर है. उन्होंने कहा, “इनमें से एक भी परियोजना का ‘वोटर टर्नआउट’ से कोई लेना-देना नहीं है. ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं.”
इस आरोप का जवाब देते हुए अमित मालवीय ने एक्स पर पूछा, “कांग्रेस जॉर्ज सोरोस से जुड़े विदेशी दानदाताओं और संगठनों की ओर से गुप्त हस्तक्षेप का बचाव क्यों कर रही है, जो परोपकार की आड़ में हमारे लोकतंत्र को अस्थिर करना चाहते हैं? मालीवय ने कहा, “भारत की संप्रभुता बिक्री के लिए नहीं है. भारत का शासन विदेशी एजेंटों द्वारा निर्देशित नहीं किया जाएगा जो लाभार्थियों के रूप में मुखौटा लगाए हुए हैं.”
कांग्रेस और बीजेपी में किस बात पर घमासान
भारत को 21 मिलियन डॉलर के अनुदान पर विवाद तब शुरू हुआ जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई (सरकारी दक्षता विभाग) ने दावा किया कि उसने ‘वोटर टर्नआउट’ को बढ़ावा देने के लिए भारत को दिए जाने वाले अनुदान को रद्द कर दिया है. इस दावे का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर समर्थन किया है. अमेरिका में सरकारी खर्चों में कटौती के लिए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी यानी (डीओजीई) बनाया गया है.
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