Success Story: बचपन में पिता को खोया, मां को हुई गंभीर बीमारी, घरों में सफाई कर पूरी की पढ़ाई, आज हैं कांस्टेबल
February 28, 2025 | by Deshvidesh News

Success Story: ‘दुनिया में कितना गम है, मेरा गम कितना कम है’ इस गाने के पीछे काफी गहरी बात कही है. इस दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिनकी जिंदगी दुखों से भरी हुई है, तो वहीं कई ऐसे भी लोग हैं जिनकी जिंदगी काफी खुशियों से भरी है. लेकिन जब आप ऐसे इंसान से मिलेंगे जिन्होंने दुखों से लड़कर सफलता हासिल की है, तो शायद आपको जिंदगी का मतलब और अच्छे से समझ आएगा. आज सक्सेस स्टोरी में कहानी अमरावती की माधुरी सावंत की है. आज माधुरी सावंत मुंबई पुलिस में कांस्टेबल हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने का भी रास्ता इतना आसान नहीं था. चलिए जानते हैं माधुरी की कहानी.
बचपन में मां-बाप को खोया
माधुरी सावंत अमरावती के छोटे से गांव से आती हैं. उन्होंने अपने पिता को बचपन में ही खो दिया था. माता-पिता को बचपन में खोने के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आर्थिक हालातों से लड़ने के लिए दूसरे के घर में साफ-सफाई का काम करती थी. वो कहते हैं समय सबका एक जैसा नहीं रहता. मेहनत रंग लाई और उन्होंने एग्जाम पास कर सरकारी नौकरी हासिल किया.
घरों में काम कर की आगे की पढ़ाई
माधुरी जब क्लास 4 में थी तब उनके पिता का निधन हो गया था. पिता के जाने के बाद उनकी मां गंभीर रूप से बीमार हो गई थी. कुछ सालों में ही उन्होंने दुनिया छोड़ दी. माता-पिता के जाने के बाद उनकी देखभाल उनकी दादी ने की, लेकिन दादी भी ज्यादा साथ नहीं दे पाईं और गुजर गईं. दादी के जाने के बाद माधुरी के जीवन में और परेशानियां आ गई.
जब माधुरी अकेले हो गईं तो फिर वह गांव की नर्स की मदद से हॉस्टल में रहने का फैसला किया. अपनी 10वीं की पढ़ाई उन्होंने पूरी की, आगे की पढ़ाई के लिए घरों में काम करने जाती थीं. थोड़े पैसे होने के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की, उन्होंने नागपुर में परीक्षा दी लेकिन सफल नहीं हो पाईं. इस असफलता के बाद इतनी निराश हो गईं की गुस्से में खुद को नुकसान पहुंचाने लगीं. एक समय के बाद उन्होंने खुद को समझाया और फिर से मेहनत करने लगी. दो साल की मेहनत के बाद उनका मुंबई पुलिस में चयन हो गया.
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