Shark Tank जजेस के फाइनेंशियल लॉस पर हर्ष गोयनका ने ली चुटकी, सोशल मीडिया पर यूजर्स बोले- ये खुद को ऐसा दिखाते हैं जैसे..
January 28, 2025 | by Deshvidesh News

आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका ने हाल ही में शार्क टैंक इंडिया के कुछ जजों को हुए फाइनेंशियल लॉस का डेटा शेयर करके सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी. हर्ष गोयनका ने वित्त वर्ष 24 के लिए प्रॉफिट आफ्टर-टैक्स डेटा को शेयर किया, जिसमें शार्क टैंक इंडिया के निवेशकों की कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन का खुलासा किया गया.
एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए शो की तारीफ करते हुए हर्ष गोयनका ने इन्वेस्टर्स की कुछ कंपनियों द्वारा सामना किए जा रहे फाइनेंशियल स्ट्रगल्स को स्वीकार किया. शेयर किए गए डेटा में कई कंपनियों को हुए भारी घाटे को उजागर किया गया है, जिसमें विनीता सिंह की शुगर कॉस्मेटिक्स शामिल है, जिसने 68 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, अमन गुप्ता की बोट ने 54 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, अनुपम मित्तल की शादी डॉट कॉम ने 18 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया और लेंसकार्ट ने 10 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया. हालांकि, सबसे बड़ा घाटा एको जनरल इंश्योरेंस को हुआ, जो 456 करोड़ रुपये था, इनशॉर्ट्स को 228 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और ओयो रूम्स को 184 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.
हर्ष गोयनका ने एक्स पर लिखा, “मुझे अभी भी #SharkTankIndia देखना पसंद है, लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे कुछ शार्क अभी भी उबड़-खाबड़ पानी में तैर रहे हैं. टैंक में जितना मैंने सोचा था, उससे कहीं ज़्यादा ‘खून बह रहा है.”
यहां देखें ट्वीट
I still love watching #SharkTankIndia.
But it seems some of our sharks are still navigating choppy waters????. There’s more ‘bleeding’ in the tank than I thought! pic.twitter.com/NqkAEJ4f3u— Harsh Goenka (@hvgoenka) January 25, 2025
डेटा पर प्रतिक्रिया देते हुए, एक यूजर ने लिखा, “जिस तरह से वे सभी ग्रिल करते हैं, उससे ऐसा लगता है कि वे इस देश की सबसे ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने वाली कंपनियां हैं.” एक अन्य ने कमेंट किया, “शार्क शार्क को जन्म देते हैं और फिर पानी और ज़्यादा उबड़-खाबड़ हो जाता है.” तीसरे ने लिखा, “मैं अभी भी यह नहीं समझ पा रहा हूं कि शार्क पिचर्स से यह उम्मीद करते हैं कि उनका व्यवसाय मुनाफ़ा कमाने वाला होना चाहिए और उनकी अपनी कंपनियां मुनाफ़ा कमाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं.” चौथे यूजर ने कहा, “सभी अच्छे शार्क हैं. अगर शार्क कंपनियां रोज़गार सृजन में योगदान दे रही हैं, तो कुछ करोड़ स्वीकार्य हैं. समय के साथ, कंपनियां लाभ में आती हैं.”
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