Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को याद से लगाएं इन वस्तुओं का भोग, खूब बरसेगी कृपा, होंगे वारे न्यारे
February 16, 2025 | by Deshvidesh News

Dwijapriya Sankashti Chaturthi Bhog: सनातन धर्म को मानने वाले प्रथम पूज्य भगवान, श्री गणेश को भी खूब पूजते हैं. घर में कोई मंगल कार्य होता है तो सबसे पहले भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh Ki Pujan Vidhi) का ही पूजन किया जाता है. वैसे तो साल में एक गणेश चतुर्थी ऐसी आती है जब भगवान गणेश की झांकिया जगह जगह दिखती हैं और गणेश भक्त पूजा में डूबे रहते हैं. पर, कुछ गणेश भक्त ऐसे भी होते हैं. जो साल की हर चतुर्थी पर गणपति बप्पा का खास पूजन करते हैं. ऐसी ही चतुर्थी में महत्वपूर्ण (Har Mahine Aaane Wali Chaturthi Ka Mahatav) मानी जाती हैं संकष्टी चतुर्थी. इस दिन भगवान गणेश का खास पूजन होता है. ऐसा भी माना जाता है कि जो भक्त संकष्टी चतुर्थी पर पूजा पाठ करते हैं, भगवान गणेश उनके सारे कष्ट हर लेते हैं. और, फिर घर पर सुख शांति और समृद्धि आती है. इस बार जो संकष्टी चतुर्थी आने वाली है उसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश का पूजन करते समय खास भोग (Bhagwan Ganesh Ko Kya Pasand Hai) चढ़ाने की मान्यता है.
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क्या है द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (What Is Dwijapriya Sankashti Chaturthi)
भगवान गणेश के भक्तों के बीच द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का दिन बहुत खास माना जाता है. हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी आने पर गणपति बप्पा के भक्त द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाते हैं. ये ऐसा दिन है जब सुहागिन महिलाएं व्रत और पूजन रखती हैं. और, भगवान से अपने परिवार की सुख शांति, पति और बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं. मान्यता ये होती है कि संकष्टी चतुर्थी पर उन्हें और उनके परिवार को कष्टों से छुटकारा मिलेगा.
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की डेट और शुभ मुहूर्त (Dwijapriya Sankashti Chaturthi Date And Shubh Muhurt)
वैदिक पंचांग के अनुसार देखा जाए तो इस बार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का व्रत 16 फरवरी 2025 को रखा जाएगा. इस तिथि की शुरुआत का सही समय 15 फरवरी 2025 की रात को 11 बजकर 52 मिनट का माना जा रहा है. जबकि तिथि का समापन 16 फरवरी की रात को 2 बजकर 15 मिनट पर होगा.
इस तरह करें पूजन (Pujan Vidhi On Dwijapriya Sankashti Chaturthi )
भगवान गणेश के पूजन से जुड़े अन्य दिनों की तरह संकष्टी चतुर्थी पर भी सुबह उठ कर स्नान करने के बाद. सबसे पहले स्वच्छ कपड़े पहने जा चाहिए. इसके बाद संकष्टी चतुर्थी पर पूजन की तैयारी करनी चाहिए.
पूजा के लिए एक पटे पर लाल रंग का वस्त्र बिछा लें. फिर उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा और श्री गणेश यंत्र स्थापित करें.
- भगवान को धूप के साथ दीप और नवैद्य चढ़ाएं.
- भगवान को कुमकुम और चंदन के साथ अक्षत भी चढ़ाएं
- पूजन करते समय “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते रहें.
- पूजा पूरी होने के बाद भगवान की आरती करना चाहिए.
इन वस्तुओं का लगाएं भोग (Offer These Things To Bhagwan Ganesh)
मोदक का भोग
- ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय होते हैं. इसलिए उनका पूजन करते समय मोदक का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
- ये भी मान्यता है कि जो लोग गणपति बप्पा का पूजन करते समय मोदक का भोग लगाते हैं उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है.
लड्डू का भोग
- आप मोदक का भोग नहीं लगा सकें तो लड्डू का भोग भी लगा सकते हैं. लड्डू भी भगवान गणेश के प्रिय पकवानों में से एक माने जाते हैं.
- ऐसा कहते हैं कि जो लोग भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाते हैं निगेटिव एनर्जी उनसे दूर रहती है.
नारियल और अन्य फल
अन्य देवातओं की तरह भगवान गणेश को भी नारियल और फलों का भोग लगा सकते हैं. बस ये बात ध्यान रखने की सलाह दी जाती है कि जो भी फल भगवान गणेश को चढ़ें वो ताजे ही हों.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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