Non Smokers में भी बढ़ रहे हैं Lung Cancer के मामले, वजह जानकर डॉक्टर भी हो गए हैरान
February 6, 2025 | by Deshvidesh News

नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस). लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में मंगलवार को ‘कैंसर डे’ पर एक स्टडी प्रकाशित हुई. इसमें कहा गया है कि लंग्स कैंसर के मामले न महज स्मोकिंग करने वालों में, बल्कि स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों में भी देखने को मिल रहे हैं. इसे लेकर लोगों के जेहन में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इससे पहले के आंकड़ों के मुताबिक लंग कैंसर के 80 फीसदी मामले उन लोगों में देखने को मिलते हैं जिन्हें स्मोकिंग की आदत है या ज्यादा स्मोकिंग की हिस्ट्री रही हे. यह रिपोर्ट अपने आप में चौकाने वाली है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
सीके बिड़ला अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी सहायक डॉ. पूजा बब्बर बताती हैं कि इस बात को बिल्कुल भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि कैंसर न महज स्मोकिंग करने वालोंं, बल्कि स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों में भी होता है, लेकिन यह ज्यादातर महिलाओं में होता है.
प्रदूषण है दोषी
जो महिलाएं गांवों में चूल्हे में खाना बनाती हैं, तो वहां से निकलने वाला धुआं उनके फेफड़े के कैंसर का कारण बनता है, क्योंकि उस धुएं में काफी सारे कारसीनोजैन होते हैं, जो कैंसर को पैदा करते हैं. इसके अलावा, फैक्ट्री के धुएं से भी लोगों में फेफड़े का कैंसर देखने को मिलता है. इसके साथ ही कई मामलों में जीन भी लंग्स कैंसर की वजह बनकर सामने आया है.
Watch Video : लंग कैंसर और टीवी में कैसे अंतर करें, कौन से लक्षणों पर रखें नजर? डॉक्टर से जानिए
क्या लंग कैंसर को ठीक किया जा सकता है
डॉ. पूजा बताती हैं कि महिलाओं में लंग्स कैंसर को आसानी से ठीक किया जा सकता है. महिलाओं में होने वाले कैंसर को स्टेज एक में एक दवा के जरिए भी ठीक किया जा सकता है. वो बताती हैं कि पुरुषों में कैंसर के कारण साफ जाहिर होते हैं, क्योंकि हमें पता होता है कि स्मोकिंग करने की वजह से डीएनए में खराबी आ गई है. जीन में म्यूटेशन आ गया है, जिसकी वजह से कैंसर हो गया है, लेकिन महिलाओं में स्मोकिंग कारण नहीं है, इसमें जेनेटिक म्यूटेशन का एक बहुत बड़ा रोल होता है. इसी को देखते हुए महिलाओं में कैंसर के उपचार के कई तरह के प्रकार होते हैं. जिसमें प्रमुख रूप से टारगेटेड थेरेपी, इम्युनो थेरेपी से महिलाओं का उपचार किया जा सकता है.
क्या हैं लंग कैंसर के शुरुआती लक्षण
लंग्स कैंसर के शुरुआती लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं. इसमें प्रमुख रूप से खांसी होना, सांस फूलना, कफ होना, कफ में खून निकलना और थोड़ा सा भी चलने पर सांस फूलने लग जाना जैसे लक्षण शामिल हैं. डॉ. बताती हैं कि अगर आगे चलकर यह कैंसर फैल जाए, तो इससे सिर में दर्द होने लगता है. हड्डियों में दर्द होना, भूख कम लगना, वजन कम होना जैसे लक्षण शामिल होते हैं.
लंग कैंसर बढ़ने के पीछे कारण
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. अनिल के आनंद ने कहा कि पहले लंग्स कैंसर के 80 से 90 फीसद मामले धूम्रपान करने वाले लोगों में ही देखने को मिलते थे. लेकिन, अब पिछले कुछ सालों से यह ट्रेंड बदल रहा है. काफी सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कभी स्मोकिंग नहीं किया, लेकिन उनमें भी लंग्स कैंसर देखने को मिल रहा है. वो बताते हैं कि स्मोकिंग नहीं करने के बावजूद भी लंग्स कैंसर की चपेट में आने के कई कारण सामने आ रहे हैं, जिसमें सबसे प्रमुख वायु प्रदूषण है. वायु प्रदूषण भी कई प्रकार के हो सकते हैं. इसमें सबसे प्रमुख रूप से औद्योगिक प्रदूषण, ट्रैफिक प्रदूषण सबसे बड़ा कारण है. खासकर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में ऐसे प्रदूषणों का कहर अपने चरम पर है.
वो बताते हैं कि इस प्रदूषण में पीएम 10 और पीएम 2.5 पार्टिकुलर मैटर होता है, जो हमारे लंग्स में जाकर उसे डैमेज करता है. अगर यह डैमेज लंबे समय तक जारी रहा, तो यह उसे लंग्स कैंसर में बदल देगा. इस तरह से वायु प्रदूषण की वजह से भी लंग्स कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.
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