Desh Videsh News – Breaking News, Politics, Business & Sports Updates

दिल्ली चुनाव में ‘ग्राउंड जीरो’ पर खड़े राहुल गांधी की रणनीति क्या है? 

January 12, 2025 | by Deshvidesh News

दिल्ली चुनाव में ‘ग्राउंड जीरो’ पर खड़े राहुल गांधी की रणनीति क्या है?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) के लिए मैदान सज चुका है. दिल्ली की अधिकतर सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है. आप और बीजेपी की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी तीसरा कोण बनाती हुई नजर आ रही है. खासकर मुस्लिम और दलित बहुल सीटों पर कांग्रेस पार्टी की नजर है. कांग्रेस पार्टी की कोशिश है कि इस चुनाव में अपने आधार वोटर्स को वापस लाया जाए. कांग्रेस ‘जय भीम-जय संविधान’ के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है. ऐसे में सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिमों और दलितों, को कितना वापस लाने में सफल होती है. 

‘जय भीम-जय संविधान’ के साथ चुनाव मैदान में कांग्रेस
दिल्ली की राजनीति में मुस्लिम और दलित वोटर्स बेहद अहम माने जाते हैं. एक दौर में ये दोनों ही वोटर्स कांग्रेस पार्टी की ताकत हुआ करते थे.दलित वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा बसपा को भी मिलता रहा था. हालांकि दिल्ली में बसपा और कांग्रेस के कमजोर होने के बाद दलित वोट का एक बड़ा हिस्सा और और बीजेपी के खाते चला गया. संविधान की रक्षा और अंबेडकर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस इस चुनाव में बीजेपी के हिस्से से दलित वोटर्स को झटकना चाहती है. 

Latest and Breaking News on NDTV

दिल्ली में अगर 1993 से 2020 तक के चुनाव पर नजर डालें तो एक बार कांग्रेस और दो बार आप ने एससी के लिए आरक्षित सभी सीटों पर जीत दर्ज की है. साल 1993 के चुनाव में दिल्ली 13 आरक्षित सीटों में से आठ पर बीजेपी और पांच पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने सभी 13 सीटें जीत ली थीं. साल 2003 के चुनाव में कांग्रेस ने 11 तो बीजेपी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की. साल 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने नौ, बीजेपी ने दो और अन्य ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. 

साल 2009 में हुए परिसीमन के बाद दिल्ली में एससी के लिए आरक्षित सीटों की संख्या घटकर 12 रह गई. दिल्ली में 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री हुई. इस चुनाव में कांग्रेस केवल एक सीट ही जीत पाई थी. वहीं बीजेपी के हिस्से में दो और आप के हिस्से में 9 सीटें आईं. इसके बाद 2015 और 2020 के चुनाव में एससी की सभी सीटों पर आप ने ही जीत दर्ज की. 

Latest and Breaking News on NDTV

मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस की नजर
पिछले 2 चुनावों में आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर भी कांग्रेस को पछाड़ दिया था.  साल 2013 में कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम बहुल 11 सीटों में से 6 सीट पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन 2015 से मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के हाथ से पूरी तरह फिसल गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में 2013 की तुलना में 2015 में 18 प्रतिशत की गिरावट हुई थी. 

2020 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के खाते में चले गए. इस चुनाव में सभी 11 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे. चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर सीट आम आदमी पार्टी 20% मर्जिन से जीती . ये सीटें किसी दौर में कांग्रेस की ताकत थी. कांग्रेस इन सीटों पर इस चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर रही है. 

आप का कितना नुकसान कर सकती है कांग्रेस?
दिल्ली में विधानसभा की 6 ऐसी सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटर्स की आबादी 35 प्रतिशत से अधिक है. वहीं 20 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोट वाली सीटों की संख्या 12 हो जाती है. में सीलमपुर में लगभग 50% मुस्लिम मतदाता हैं. इसके बाद मटिया महल (48%), ओखला (43%), मुस्तफ़ाबाद (36%), बल्लीमारान (38%) और बाबरपुर (35%) हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को इन सभी सीटों पर जीत मिली थी. इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इन सीटों पर आम आदमी पार्टी के लिए संकट खड़ा कर सकते हैं. 

ये भी पढ़ें-:

5 महिला, 5 पूर्वांचली, 8 पार्षद, पूर्व सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे; जानिए दिल्ली में बीजेपी की लिस्ट में क्या-क्या खास 

 

RELATED POSTS

View all

view all
WhatsApp