Milkipur Upchunav Result LIVE: मिल्कीपुर में किसके सिर सजेगा ताज, क्या खिलेगा कमल? शुरू हुई वोटों की गिनती
February 8, 2025 | by Deshvidesh News

Milkipur Upchunav Result: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के वोटों की गिनती शुरू हो गई है. अयोध्या के राजकीय इंटर कॉलेज में काउंटिंग कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही है. मतगणना ये कई राउंड में चलेगी. पहले पोस्टल बैलेट और घर पर वोटिंग की सुविधा वाले बैलेट पेपर गिने जा रहे हैं. इसके बाद ईवीएम खोली जाएंगी और वोटों की गिनती होगी. मिल्कीपुर सीट की खास बात ये है कि बीजेपी के लिए ये सीट हमेशा से ही कड़ी चुनौती रही है. पिछले 33 साल में मिल्कीपुर विधानसभा सीट बीजेपी सिर्फ एक बार ही जीत पाई है. इसलिए बीजेपी के लिए इस बार भी बड़ी चुनौती है. ऐसे में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया है. दरअसल, बीजेपी ये सीट जीत अयोध्या में मिली हार का बदला लेना चाहती है, इसलिए ये चुनाव नाक का विषय बन गया है.
मिल्कीपुर स्कोर…
राउंड | अपडेट(आगे/पीछे) |
राउंड-1 | – |
राउंड-2 | – |
राउंड-3 | – |
राउंड-4 | – |
राउंड-5 | – |
राउंड-6 | – |
राउंड-7 | – |
राउंड-8 | – |
बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला
मिल्कीपुर आरक्षित विधानसभा सीट तो राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है, क्योंकि ये नतीजे राज्य में आगे की दिशा तय करेंगे. अयोध्या ज़िले और फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाली मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर वैसे तो दस उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुक़ाबला बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद के बीच है. अजीत प्रसाद इस सीट से पूर्व विधायक रहे अवधेश प्रसाद के बेटे हैं. अवधेश प्रसाद अब फ़ैज़ाबाद सीट से सांसद हैं.
बीजेपी को लेना है अयोध्या में मिली हार का बदला
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने फ़ैज़ाबाद सीट से चुनाव जीता, तो बीजेपी का बड़ा झटका लगाा था. पिछले साल जनवरी में राम मंदिर बनने के तीन महीने बाद हुए इस चुनाव में अयोध्या-फ़ैज़ाबाद इलाके में बीजेपी के लिए चुनाव हारना एक बड़ा झटका था, जिससे वो अभी तक उबर नहीं पाई है. इस सुरक्षित सीट से अखिलेश यादव ने दलित उम्मीदवार को उतारा और जीत हासिल कर ली. यही वजह है कि मिल्कीपुर सीट को जीतकर बीजेपी उस हार का बदला लेने की जीतोड़ कोशिश की है. मिल्कीपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. बीजेपी और सपा दोनों के ही उम्मीदवार अनुसूचित जाति से जुड़े पासी समुदाय से आते हैं, जिसकी इस सीट पर अच्छी ख़ासी तादाद है.
मिल्कीपुर विधानसभा का गणित
- मिल्कीपुर सीट पर कुल दस उम्मीदवार हैं. मुख्य मुक़ाबला बीजेपी और सपा के उम्मीदवारों के बीच है.
- मिल्कीपुर सीट पर कुल 3.58 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 1.40 लाख दलित हैं.
- क़रीब 50 हज़ार दलित मतदाता पासी समुदाय हैं, जबकि बाकी कोरी और जाटव समुदाय से हैं.
- इस सीट पर 50 हज़ार ओबीसी, 60 हज़ार ब्राह्मण, 50 हज़ार यादव, 30 हज़ार मुस्लिम और 25 हज़ार राजपूत मतदाता हैं.
भीम आर्मी भी मैदान में…
उत्तर प्रदेश की इस आरक्षित मिल्कीपुर सीट से मायावती की बीएसपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, ये काफी हैरान करने वाली बात है. उधर, कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी के समर्थन में उम्मीदवार नहीं उतारा. इस सीट पर एक तीसरा उम्मीदवार भी मैदान में हैं. ये हैं भीम आर्मी के प्रमुख और लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी के उम्मीदवार सूरज चौधरी. वह पहले समाजवादी पार्टी में थे, अवधेश प्रसाद के क़रीबी थे और हाल में सपा छोड़कर आज़ाद समाज पार्टी में आ गए. सूरज चौधरी भी पासी समुदाय से हैं. बीएसपी की ग़ैर मौजूदगी में दलित समुदाय के वोटों में वो कितनी सेंध लगाते हैं ये देखना दिलचस्प रहेगा.
क्या मिल्कीपुर की चुनाौती पार कर पाएगी बीजेपी?
मिल्कीपुर सीट की ख़ास बात ये है कि बीजेपी के लिए ये सीट हमेशा से ही कड़ी चुनौती रही है. पिछले 33 साल में मिल्कीपुर विधानसभा सीट बीजेपी सिर्फ़ एक बार ही जीत पाई है. इसलिए ये सीट जीतना बीजेपी के लिए इस बार भी बड़ी चुनौती है. फ़ैज़ाबाद के मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद ने 2022 में मिल्कीपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार गोरखनाथ को हराया था. उपचुनाव में इस सीट का नतीजा आने वाले दिनों के लिए इशारा भी हो सकता है. कई जानकार तो मानते हैं कि इस चुनाव का नतीजा 2027 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकता है.
ये भी पढ़ें :- LIVE Updates: मिल्कीपुर में खिलेगा कमल या अखिलेश बचा पाएंगे साख
RELATED POSTS
View all