Jumped Deposit Scam: UPI पिन डालते ही खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट? NPCI ने दिया ये अपडेट
January 22, 2025 | by Deshvidesh News

आज के बदलते दौर में समय के साथ सिर्फ टेक्नोलॉजी ही एडवांस नहीं हो रही साइबर क्रिमिनल्स के तरीके भी बदल रहे हैं. लोगों से उनके पैसे ठगने के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भारत में डिजिटल पेमेंट (Digital Payments)करने का सबसे पॉपुलर तरीका बन गया है, शायद आप भी इसका इस्तेमाल करते होंगे. लेकिन क्या आपको पता है, अगर आप इन ट्रांजैक्शन को करते समय सतर्क नहीं रहते हैं तो UPI की इस सुविधा से आपको भारी नुकसान भी हो सकता है.
दरअसल, इन दिनों जंप्ड डिपॉजिट स्कैम (Jumped Deposit Scam) के नाम से जाना जाने वाला फ्रॉड सुर्खियों में बना हुआ है. यहां हम आपकोइस स्कैम से जुड़ी हर एक बात आपको बताने जा रहे हैं…
Jumped Deposit Scam क्या है और यह कैसे काम करता है?
UPI यूजर्स को टारगेट करने के लिए स्कैमर्स आजकल नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे आपके बैंक अकाउंट में थोड़े पैसे भेजते हैं, उन्हें पता होता हैं कि आप आसानी से मान जाएंगे कि गलती से आपके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो गया है. इस तरह आपके लिए एक जाल बिछाया जाता है. फिर ये जालसाज पैसे वापस करने के लिए कई बार आपको रिक्वेस्ट भेजते हैं.
लेकिन जब आप अपने UPI ऐप में लॉग इन करने की बजाय उनके दिए गए किसी लिंक पर क्लिक करते हैं और अपना UPI पिन डालते हैं पैसा वापस करने के लिए, तो ये आपके बैंक अकाउंट से पैसा उड़ा ले जाते हैं.
आपको बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु पुलिस ने जंप्ड डिपॉजिट स्कैम को लेकर अलर्ट जारी किया था. उन्होंने बताया कि इस स्कैम में साइबर ठग पहले किसी के अकाउंट में कुछ पैसे ट्रांसफर करते हैं. इसके बाद वो तुरंत उस व्यक्ति के अकाउंट से विड्रोल की रिक्वेस्ट डाल देते हैं. पैसे आने के बाद आमतौर पर लोग बैंक अकाउंट चेक करने के लिए अपना UPI ऐप खोलते हैं. इसके लिए जैसे ही वे अपना पिन डालेंगे, ठगों की तरफ से डाली गई विड्रॉल की रिक्वेस्ट अप्रूव हो जाती है और उनके अकाउंट से पैसे उड़ जाते हैं.
NPCI की सफाई
जंप्ड डिपॉजिट स्कैम के बारे में कुछ भ्रम पैदा करने वाली हालिया मीडिया रिपोर्टों की ओर इशारा करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India) ने निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किए हैं. NPCI ने अपने बयान में कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में बताई गई बातों में कुछ तकनीकी गड़बड़ियां हैं, जिस वजह से लोगों के बीच UPI का इस्तेमाल करने को लेकर भ्रम और डर फैल गया है. आइए जानते हैं NPCI ने क्या-क्या बताया है…
- केवल UPI या बैंक एप्लिकेशन ओपन करने से ट्रांजैक्शन ऑटोमेटिक अप्रूव नहीं हो जाता. ट्रांजैक्शन करने के लिए, यूजर्स को पेमेंट रिक्वेस्ट पर नेविगेट करना होता है और इसे UPI पिन के साथ ऑथराइज करने के लिए ‘pay’ ऑप्शन पर क्लिक करना होता है. इस स्टेप के बिना, पेमेंट प्रोसेस नहीं होता.
- कोई भी एक्सटर्नल पार्टी सीधे किसी यूजर के अकाउंट से विड्रॉल की रिक्वेस्ट नहीं लगा सकती. UPI एक डिवाइस-बेस्ड पेमेंट सिस्टम है, जिसका मतलब है कि पेमेंट अकाउंट यूजर के रजिस्टर्ड नंबर और उनके स्पेसिफिक मोबाइल डिवाइस से सुरक्षित रूप से लिंक्ड है. केवल यूजर ही ट्रांजैक्शन या विड्रॉल इनिशिएट कर सकता है.
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