Infosys ने 700 फ्रेशर्स को नौकरी से क्यों निकाला? वजह जान आप भी हो जाएंगे हैरान
February 7, 2025 | by Deshvidesh News

देश कि दिग्गज IT कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने 700 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया गया है. कंपनी ने कहा है कि ये कोई फोर्सफूल टर्मिनेशन नहीं है. इंफोसिस ने NDTV प्रॉफिट को इस बात की पुष्टि की है. आईटी कर्मचारी संघ नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने शुक्रवार को दावा किया कि आईटी दिग्गज इंफोसिस ने अपने मैसूरु परिसर से लगभग 700 नए लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. यूनियन ने दावा किया कि कंपनी में शामिल होने के कुछ ही महीनों बाद नए लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है.
- NITES ने कहा कि हटाए गए नए लोगों से गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं, यह देखते हुए कि यह छंटनी के विवरण को दबाने का एक प्रयास हो सकता है. कंपनी नहीं चाहती है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी हो.
- NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने एक बयान में कहा, “एक चौंकाने वाले और अनैतिक कदम में, इंफोसिस ने लगभग 700 कैंपस भर्तियों को जबरदस्ती निकालना शुरू कर दिया है, जो कुछ महीने पहले ही शामिल हुए थे.”
IT कर्मचारियों की यूनियन NITES ने आरोप लगाया था कि इंफोसिस अपने मैसूरू कैंपस से लगभग 700 नए कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. यूनियन ने दावा किया कि ये बर्खास्तगी नए कर्मचारियों को नौकरी पर रखे जाने के कुछ ही महीनों बाद हो रही है.
इंफोसिस के मुताबिक, निकाले गए नए कर्मचारियों से गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करवाए गए थे, जिसके बारे में यूनियन का तर्क है कि ये छंटनी को दबाने का एक प्रयास है. यूनियन ने इन बर्खास्तगी से प्रभावित कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है.
इंफोसिस ने क्या कहा?
इंफोसिस ने अपने बचाव में कहा है कि जिन फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला जा रहा है, वे इंटरनल एग्जाम पास करने में विफल रहे हैं जो ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया का हिस्सा है. कंपनी ने इस बात पर जोर दिया कि ये अभ्यास कर्मचारियों द्वारा उनकी नियुक्ति के समय हस्ताक्षरित कॉन्ट्रैक्ट संबंधी समझौतों के अनुरूप है.
इंफोसिस का कहना है कि ये उपाय ये सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं कि केवल वे ही कर्मचारी नौकरी पर रखे जाएं जो आवश्यक मानकों को पूरा करते हों.
NDTV प्रॉफिट को मिले लेटर के मुताबिक, बर्खास्त कर्मचारियों में से एक को सौंपे गए पत्र में बर्खास्तगी की शर्तों और प्रभावित कर्मचारियों के लिए गोपनीयता समझौतों पर हस्ताक्षर करने की जरूरत का उल्लेख है.
सप्ताह में 70 घंटे काम, लेकिन काम नहीं
पिछले साल की शुरुआत में, इंफोसिस के को फाउंडर NR नारायण मूर्ति ने कहा था कि वह चाहते हैं कि भारत के युवा काम करें और देश के युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए.
वेंचर कैपिटल फंड, 3one4 कैपिटल के पॉडकास्ट ‘द रिकॉर्ड’ के पहले एपिसोड में अपनी टिप्पणियों के तुरंत बाद मूर्ति उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे. उस वक्त सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके विचारों को खारिज कर दिया और इसे टॉक्सिक करार दिया था. साथ ही उनकी टिप्पणियों को वर्क लाइफ बैलेंस के विरुद्ध बताया था.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
ट्रंप से दुनिया में हड़कंप: ब्याज दरें बढ़ा रहा जापान, मैक्सिको ने बॉर्डर पर तंबू लगाए, जानिए क्या मची है हलचल
January 24, 2025 | by Deshvidesh News
Bihar Board Class 12th Admit Card 2025: बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं एडमिट कार्ड जारी, इंटर परीक्षा 1 फरवरी से शुरू
January 16, 2025 | by Deshvidesh News
इन 4 लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है सुबह खाली पेट भीगी किशमिश का सेवन
February 22, 2025 | by Deshvidesh News