Explainer : शादी, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप… उत्तराखंड में UCC लागू, जानिए क्या कुछ बदल गया?
January 28, 2025 | by Deshvidesh News

करीब 80 साल से चली आ रही एक बड़ी बहस अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लागू कर दिया है. यह कदम हर व्यक्ति के निजी जीवन के कई पहलुओं से जुड़ा हुआ है और इसे यहां तक पहुंचाना आसान नहीं था.
समिति ने 700 पन्नों से ज्यादा की एक रिपोर्ट तैयार की
उत्तराखंड सरकार ने 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति ने राज्य के अंदर और बाहर रह रहे 60,000 से ज्यादा लोगों के साथ 70 अलग-अलग मंचों पर विस्तार से चर्चा की. इसके साथ ही, सवा दो लाख से ज्यादा लोगों के ऑनलाइन लिखित फीडबैक का भी अध्ययन किया. इन सभी आंकड़ों और चर्चाओं के आधार पर समिति ने 700 पन्नों से ज्यादा की एक रिपोर्ट तैयार की, जिसे 2 फरवरी 2024 को उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया गया.

27 जनवरी से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू
उत्तराखंड कैबिनेट ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर एक विधेयक पास किया, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई. इसके बाद, इस विधेयक की विस्तार से नियमावली तैयार की गई, जिसे 20 जनवरी को उत्तराखंड कैबिनेट ने पास किया. 27 जनवरी से पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इसे राज्य भर में लागू कर दिया.
)
पुष्कर सिंह धामी
अब सवाल यह है कि इस बिल से क्या बदलाव होने जा रहे हैं? समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद राज्य में आदिवासी समुदाय को छोड़कर बाकी सभी व्यक्तियों के लिए नागरिक कानून एक समान हो गए हैं. इस कानून के तहत लैंगिक समानता पर विशेष जोर दिया गया है. शादी, तलाक, उत्तराधिकार, और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में अब सभी पर एक समान नियम लागू होंगे. इस प्रक्रिया के तहत, कई नए नियम बनाए गए हैं, जबकि कुछ पुराने नियमों को नए सिरे से पुष्टि भी दी गई है.

शादी को लेकर क्या है नियम?
- शादी के लिए पुरुष की न्यूनतम उम्र 21 साल और महिला की न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित की गई है।
- दोनों पक्षों को पहले से शादीशुदा नहीं होना चाहिए।
- शादी की विधिक अनुमति देने के लिए मानसिक रूप से सक्षम होना जरूरी है।
- शादी के संस्कार धार्मिक रीति-रिवाजों या कानूनी प्रावधानों के तहत जारी रहेंगे, लेकिन यह अनिवार्य होगा कि शादी के 60 दिनों के भीतर उसका रजिस्ट्रेशन करवा लिया जाए.
समान नागरिक संहिता के अनुसार, 26 मार्च, 2010 से पहले हुई शादियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि कोई चाहें तो वे इसे रजिस्टर करवा सकते हैं. हालांकि, 26 मार्च, 2010 के बाद से समान नागरिक संहिता लागू होने तक हुई शादी का रजिस्ट्रेशन यदि नहीं हुआ है, तो उसे छह महीने के अंदर रजिस्टर करवाना आवश्यक होगा। अगर शादी पहले ही रजिस्टर हो चुकी है, तो उसे दोबारा रजिस्टर कराने की आवश्यकता नहीं होगी.

लिव-इन रिलेशनशिप्स को लेकर क्या है नियम
शादियों के अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप्स (महिला-पुरुष के बिना शादी के एक ही छत के नीचे रहने) का भी रजिस्ट्रेशन एक महीने के भीतर करवाना होगा. इसके लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि यूसीसी के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा. रजिस्ट्रेशन न करवाने या गलत जानकारी देने पर तीन महीने की जेल, 25 हजार रुपये जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है.

लिव-इन रिलेशनशिप को खत्म करने के लिए, एक या दोनों साथी ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं/ यदि केवल एक साथी आवेदन करता है, तो रजिस्ट्रार दूसरे साथी द्वारा पुष्टि करने के बाद ही लिव-इन रिलेशनशिप को समाप्त करने का फैसला करेगा. यदि लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान महिला गर्भवती हो जाती है, तो बच्चे के जन्म के 30 दिन के अंदर इसकी जानकारी रजिस्ट्रार को अनिवार्य रूप से देनी होगी. ऐसे बच्चों को भी पूरी तरह से अधिकार प्राप्त होंगे.
- बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक़ पर पाबंदी लगा दी गई है.
- मुस्लिम समाज में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर भी रोक लगा दी गई है.
- यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत तलाक़ की प्रक्रिया अब सभी के लिए एक समान होगी. शादी का एक साल पूरा होने से पहले तलाक़ की याचिका स्वीकार नहीं की जाएगी और तलाक़ केवल पति-पत्नी की आपसी सहमति से ही हो सकेगा. प्रथा, रूढ़ी, या परंपरा के तहत तलाक़ मान्य नहीं होगा.
- संपत्ति पर अधिकार के लिए बच्चों में कोई भेद नहीं होगा, चाहे वे शादी के भीतर पैदा हुए हों या शादी के बाहर
वसीयत तीन तरीके से की जा सकेगी
- पोर्टल पर फॉर्म भरकर,
- हस्तलिखित या टाइप्ड वसीयत पोर्टल पर अपलोड करके
- या फिर तीन मिनट के वीडियो में वसीयत बोलकर उसे अपलोड करके
- आदिवासी समुदाय (अनुसूचित जनजाति) को समान नागरिक संहिता से बाहर रखा गया है. इसका कारण बताया गया है कि संविधान में जनजातियों के लिए पहले से विशेष प्रावधान हैं.
UCC पोर्टल लॉन्च
समान नागरिक संहिता के तहत, उत्तराखंड सरकार ने एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया है. UCC पोर्टल में नागरिकों और संबंधित अधिकारियों का आधार से जुड़ा वेरिफिकेशन होगा. इसमें 22 भारतीय भाषाओं में AI आधारित ट्रांसलेशन की सुविधा होगी. इसके अलावा, तेरह अलग-अलग विभागों या सेवाओं के बीच डेटा इंटिग्रेशन होगा, यानी डेटा का ऑनलाइन आदान-प्रदान किया जाएगा. इस पोर्टल के माध्यम से तत्काल सेवा के तहत तेज़ी से रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा, हालांकि इसके लिए शुल्क अलग होगा. जो लोग खुद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते, उनके लिए अधिकृत कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) भी बनाए गए हैं, जहां से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए जा सकते हैं. दूर-दराज और पर्वतीय इलाकों में, जहां इंटरनेट की पहुंच सीमित है, CSC एजेंट घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें.

समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए
- नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त रजिस्ट्रार और कर निरीक्षक सब रजिस्ट्रार होंगे
- नगर-पंचायतों और नगरपालिकाओं में संबंधित एसडीएम रजिस्ट्रार और कार्यकारी अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे.
- ग्रामीण इलाकों में एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे
- ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को सब रजिस्ट्रार की तरह नियुक्त किया गया है ताकि वो स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन सेवाएं दे सकें.
रजिस्ट्रार तय समय में कार्रवाई नहीं करते तो क्या होगा?
यदि किसी आवेदन पर रजिस्ट्रार तय समय में कार्रवाई नहीं कर पाते हैं, तो केस स्वचालित रूप से रजिस्ट्रार जनरल के पास पहुंच जाएगा. रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकेगी और रजिस्ट्रार जनरल 60 दिन के भीतर अपील का निपटारा कर आदेश जारी करेंगे.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से व्यथित… : PM मोदी ने मौत पर जताई संवेदना
February 16, 2025 | by Deshvidesh News
जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों ने मचाया हंगामा, की तोड़फोड़ तो प्रशासन ने निकाला बाहर
February 13, 2025 | by Deshvidesh News
23 वर्षीय अवनीत कौर ने सुनाई अपनी ‘लव स्टोरी’! लिखा- मैं और मेरा…
January 25, 2025 | by Deshvidesh News