आंतों के इंफेक्शन से लड़ने में कारगर हो सकता है अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन का कॉम्बिनेशन : लैंसेट
January 13, 2025 | by Deshvidesh News

पहले और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में पता चला है कि एल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन दवाओं के कॉम्बिनेशन की एक निश्चित खुराक आंतों में संक्रमण के खिलाफ बेहतर तरीके से काम कर सकती है. चार प्रजातियों के परजीवी कृमि (एस्केरिस लम्ब्रिकॉइड्स, ट्राइक्यूरिस ट्राइक्यूरा और हुकवर्म एनसाइलोस्टॉमा डुओडेनेल और नेकेटर अमेरिकनस) मिट्टी से संचारित हेल्मिंथियासिस (एसटीएच) के लिए जिम्मेदार हैं. ये परजीवी कृमि दूषित मिट्टी या पानी के संपर्क से फैलते हैं, जो बच्चों और प्रजनन आयु की महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालते हैं.
पत्रिका ‘द लैंसेट इन्फेक्शस डिजीज’ में प्रकाशित रैंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे, डब्ल्यूएचओ के 2021-2030 रोडमैप फॉर नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज में निर्धारित कंट्रोल टारगेट को पाने में इंडेमिक देशों की मदद कर सकते हैं. स्पेन में बार्सिलोना इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ (आईएसग्लोबल) के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने कहा, “मिट्टी से फैलने वाले हेलमंथियासिस के इलाज में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.”
अध्ययन का उद्देश्य क्या था?
अध्ययन का उद्देश्य अफ्रीकी देशों इथियोपिया, केन्या और मोजाम्बिक में स्कूली बच्चों में टी ट्राइक्यूरा हुकवर्म और स्ट्रॉन्ग्लॉयड्स स्टर्कोरेलिस इंफेक्शन के इलाज के लिए एक सैफ्टी ऑफ कंबाइंड टैबलेट और उसके प्रभाव का आकलन करना था.
इन संक्रमणों के विरुद्ध वर्तमान रणनीति में जोखिम ग्रस्त आबादी के लिए एल्बेंडाजोल के साथ नियमित कृमिनाशक इलाज और पानी, सफाई और स्वच्छता में सुधार शामिल है.
यह भी पढ़ें: खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? कब माना जाय इसे डायबिटीज, जानिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल रीडिंग
जनवरी 2022 और मार्च 2023 के बीच टीम ने 1,001 प्रतिभागियों (46 प्रतिशत महिलाएं और 54 प्रतिशत पुरुष) पर टेस्ट किए. लगभग 64 प्रतिशत प्रतिभागी टी ट्राइक्यूरा से 36 प्रतिशत हुकवर्म से और 10 प्रतिशत एस स्टर्कोरेलिस से संक्रमित थे. कुल 1,001 प्रतिभागियों में से नौ प्रतिशत में एक से ज्यादा संक्रमण था और उन्हें प्रत्येक संक्रमित प्रजाति के विश्लेषण में शामिल किया गया था.
इनमें 243 प्रतिभागियों को एल्बेंडाजोल, 381 को एल्बेंडाजोल (400 एमजी) और आइवरमेक्टिन (9 एमजी या 18 एमजी) के कॉम्बिनेशन का एक फिक्स डोज और 377 को इस कॉम्बिनेशन के तीन डोज दिए गए.
दूसरे और तीसरे चरणों में शामिल प्रतिभागियों में संक्रमण के लक्षण आम थे यानी हल्के से मध्यम तक थे. हालांकि कॉम्बिनेशन डोज लेने वाले मरीज 48 घंटे के भीतर ठीक हो गए.
Watch Video: डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में होते हैं ये बड़े बदलाव
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
भारत में बना हाइड्रोजन ट्रेन इंजन सबसे पावरफुल, 1200 हार्स पावर की है क्षमता : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
January 12, 2025 | by Deshvidesh News
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट: 10 मिनट में बांद्रा से मरीन ड्राइव तक यात्रा, मुंबईवासियों के लिए बड़ी राहत
January 28, 2025 | by Deshvidesh News
महाराष्ट्र में GBS का कहर: अस्पताल में भर्ती एक और मरीज की मौत, जानें क्या हैं इस वायरस के लक्षण
February 12, 2025 | by Deshvidesh News