Isaac Newton की डरावनी भविष्यवाणी, 2060 में दुनिया का अंत या नया अध्याय?
February 15, 2025 | by Deshvidesh News

World End Prediction: दुनिया के अंत की भविष्यवाणी केवल ज्योतिषियों ही नहीं, बल्कि एक मशहूर वैज्ञानिक ने भी की है, जिनका नाम है आइजैक न्यूटन (Issac Newton)…जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण के नियम का आविष्कार किया था. यही नहीं ग्रेविटी की रूल बुक भी लिखी थी. इसी के साथ-साथ दुनिया के पहले रिफ्लेक्टिंग टेलीस्कोप का आविष्कार भी किया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि, महान वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन ने न केवल गुरुत्वाकर्षण के नियमों की खोज की बल्कि एक रहस्यमय भविष्यवाणी भी की थी. न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, 1704 में लिखे गए अपने एक पत्र में, उन्होंने बताया कि साल 2060 में दुनिया का अंत (दुनिया का अस्तित्व मिट जाएगा) हो सकता है. हालांकि, उन्होंने “अंत” शब्द की बजाय “रीसेट” शब्द का उपयोग किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि 2060 में दुनिया तबाही के बजाय एक नए युग में प्रवेश कर सकती है.
न्यूटन की भविष्यवाणी का आधार (Isaac Newton terrifying letter)
न्यूटन एक धार्मिक व्यक्ति थे और उन्होंने बाइबिल के “बुक ऑफ डेनियल” से तारीखों की गणना करके यह निष्कर्ष निकाला थ. उनके अनुसार, 1260 वर्षों की अवधि 800 ईस्वी से शुरू होकर 2060 में समाप्त होगी. उन्होंने यह भी लिखा, “यह बाद में भी हो सकता है, लेकिन मैं इसे पहले समाप्त होने का कोई कारण नहीं देखता.” न्यूटन ने अपनी भविष्यवाणी के लिए पुस्तक में दिए गए दिनों को सालों के रूप में गणना के तौर पर इस्तेमाल किया. ये अवधियां 1260 साल की थीं. न्यूटन ने सटीक तारीख जानने के लिए चर्च के खात्मे की तारीख 800 ईस्वी निकाली थी, जब रोमन साम्राज्य बना था. इसमें न्यूटन ने 1260 साल जोड़ दिए, इस हिसाब से उन्होंने दुनिया के खत्म होने के लिए 2060 की साल बताई है.
2060 में दुनिया का अंत या शांति का युग? (Newton Letter)
न्यूटन की यह भविष्यवाणी महज एक डराने वाली बात नहीं थी, बल्कि उन्होंने इसे एक ईश्वरीय हस्तक्षेप और बदलाव का संकेत बताया था. उन्होंने लिखा था कि 2060 के बाद ईसा मसीह और संतों का आगमन होगा, जो पृथ्वी पर 1000 वर्षों का शांतिपूर्ण साम्राज्य स्थापित करेंगे.
क्या न्यूटन वैज्ञानिक थे या आध्यात्मिक विचारक? (prediction of the end of the world)
हैलिफ़ैक्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन डी. स्नोबेलन के अनुसार, न्यूटन केवल वैज्ञानिक नहीं थे, बल्कि एक प्राकृतिक दार्शनिक (Natural Philosopher) भी थे. उनके लिए धर्म और विज्ञान के बीच कोई कठोर विभाजन नहीं था. वह मानते थे कि बाइबिल की भविष्यवाणी की व्याख्या करना उतना ही महत्वपूर्ण था जितना कि वैज्ञानिक खोजें करना.
क्या हमें न्यूटन की भविष्यवाणी से डरना चाहिए? (2060 Prophecy)
न्यूटन की गणनाओं को पूरी तरह तथ्यों पर आधारित नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह उनके धार्मिक विश्वासों से प्रभावित थी. हालांकि, इस भविष्यवाणी से यह सवाल जरूर उठता है कि क्या 2060 में कोई बड़ा वैश्विक परिवर्तन होगा? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन न्यूटन की यह रहस्यमय भविष्यवाणी आज भी लोगों के लिए जिज्ञासा और चर्चा का विषय बनी हुई है.
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