संभल का सच जानना है तो ‘आइन-ए-अकबरी’ पढ़ लीजिए… ‘महाकुम्भ संवाद’ में CM योगी ने ऐसा क्यों कहा
January 26, 2025 | by Deshvidesh News

एनडीटीवी ने महाकुम्भ के महामैनेजमेंट और ग्लोबल ब्रैंडिंग को लेकर लखनऊ में ‘महाकुम्भ संवाद’ का आयोजन किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम में कई मुद्दों पर बेबाक राय रखी. संभल को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि संभल एक सच्चाई है. संभल श्री हरि विष्णु के दसवें अवतार की भूमि है, पुराणों में भी इस बात का उल्लेख है. इसीलिए इसकी सच्चाई को पुराणों के माध्यम से ही देखना चाहिए.
सीएम योगी ने कहा कि अबुल फजल ने अपनी किताब आइन-ए-अकबरी में खुद ये बात कही है कि मीर बाकी ने 1526 में श्री हरि विष्णु का मंदिर तोड़कर एक मस्जिदनुमा ढांचा खड़ा किया. उससे पहले जो पुराणों का इतिहास है 3500 से लेकर 5000 साल के बीच का जो कालखंड है, पहला महापुराण श्रीमदभागवत महापुराण है. इसके बाद 18 महापुराण लिखे गए. कई पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि कब श्री विष्णु का दसवां अवतार होना है, उसकी भूमि संभल है.
‘संभल का सच जानना है तो आईने अकबरी में भी पढ़ सकते हैं’ #NDTVMahakumbhSamvaad में बोले CM योगी#CMYogiOnNDTVSamvaad | #Mahakumbh2025 | #CMYogi | @myogiadityanath | @sanjaypugalia pic.twitter.com/IpetzQ5TqN
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उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं मीर बाकी ने 1526 में संभल में और 1528 में अयोध्या में जो राम जन्मभूमि है, वहां मंदिर को क्यों तोड़ा? इसका मतलब है कि 16वीं सदी का वो सबसे विख्यात मंदिरों में से एक था, उसमें लोगों की आस्था थी. वहां पर जो पुरातात्विक अवशेष मिल रहे हैं, जो प्रमाण मिल रहे हैं, वो ये साबित करते हैं कि वहां किसी मंदिर को तोड़कर नया ढांचा बनाया गया.
सस्ती लोकप्रियता के लिए पीआईएल फाइल करना गलत – सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्लाम के उदय का 1400 सालों का इतिहास है, वहीं पुराणों का इतिहास उससे भी 2000 साल पुराना है. उन्होंने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने सही कहा है, सस्ती लोकप्रियता के लिए जिसकी मर्जी होती है वो जाकर एक पीआईएल कर दे रहा है, ये क्या तरीका है. आप उन मुद्दों को उठाइए जिसमें वास्तविकता हो.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्य को आप ज्यादा दिनों तक छुपा नहीं सकते हैं. सत्य एक दिन सामने आएगा और अपना सही रूप दिखाएगा. संभल अपना वही रूप दिखा रहा है.
सनातन धर्म की तुलना किसी मत या मजहब से करना गलत – योगी
वहीं सनातन बोर्ड की मांग के सवाल पर सीएम ने कहा कि जब भी हम सनातन धर्म की तुलना किसी मत या मजहब से करते हैं, तो हम सनातन धर्म का अवमूल्यन करते हैं. सनातन धर्म के अंदर सैकड़ों पंथ और संप्रदाय हैं. इन सबकी अपनी उपासना विधि है. आप इसमें से किसको नियंत्रित करेंगे, ये सबसे बड़ी अज्ञानता है.

योगी ने कहा कि सनातन बोर्ड की मांग कर आप अपने आस्था के केंद्र बिंदु पर सरकार को हस्तक्षेप करने का एक रास्ता दे रहे हैं. धार्मिक आस्था पर सरकार को हस्तक्षेप करने का अवसर भूल से भी नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि आस्था के मुद्दे धर्मगुरुओं को तय करने देना चाहिए. इसमें राजनीति हस्तक्षेप कतई नहीं होने देना चाहिए. अगर आप इसकी अनुमति देंगे, तब अव्यवस्था और अराजकता फैलेगी.
‘कई लोग नादानी में उठा रहे हैं मुद्दा, उन्हें वास्तविकता की समझ नहीं’
सीएम ने कहा कि जो लोग इस तरह के मुद्दों को नादानी में उठा रहे हैं, उनको वास्तविकता की समझ नहीं है. वो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह बयान दे रहे हैं. मुझे लगता है कि उनको सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों को लेकर अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए.
ये भी पढ़ें : बिना सच जाने लोग मंदिर को लेकर कोर्ट जा रहे : RSS चीफ भागवत के बयान पर बोले योगी
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