
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के गृह जिले मैसूर के एक सरकारी अस्पताल के कैंपस में एक युवक की मौत ने व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है. अस्पताल की डोरमेट्री में सोने के लिए 30 रुपये किराया देने की उसकी हैसियत नहीं थी. ऐसे में वो खुले आसमान के नीचे सोया और उसकी मौत हो गई.
कंबल में लिपटे 35 साल के शिव गोपा लईया की मौत की वजह ठंड थी या फिर कुछ और, ये पोस्टमार्टम के बाद साफ हो पाएगा. लेकिन शिवगोपा ने बताया था कि उसके पास डॉरमेटरी का किराया देने के लिए 30 रुपये नहीं थे इसलिए उसे बाहर सोना पड़ा.
MMCRI की सुप्रीटेंडेंट डॉ आर सुधा मेडिकल ने कहा, बहुत गरीब लोगों को हम शयनगृह मुफ़्त में देते हैं, वैसे बाकी लोगों से 30 रुपये लेते है. आगे हम इसे भी फ्री करने वाले है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह पता चलेगी
शिव गोपा लईया ने अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था. बेटे का जन्म हुआ. दूध का पैसा एक डॉक्टर ने दिया और खाने का इंतज़ाम दूसरे मरीजों के अटेंडेंट ने किया. लेकिन डोरमेट्री का फॉर्म नहीं भरा. तीन रातें उसने खुले आसमान के नीचे बिताईं. हालांकि मैसूर में उत्तर भारत जैसी ठंडक नहीं पड़तीं लेकिन इसके बावजूद शिव गोपा लईया की मौत सबको झकझोड़ने वाली है
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