हिंडनबर्ग पूरे खेल का छोटा खिलाड़ी, मास्टरमाइंड से नकाब हटाना जरूरी: सीनियर वकील महेश जेठमलानी
January 16, 2025 | by Deshvidesh News

अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) की दुकान बंद होने वाली है. इस कंपनी ने कई बिजनेस घरानों को साजिश के तहत निशाना बनाया था. इसकी रिपोर्ट से भारत के शेयर मार्केट में काफी अफरा-तफरी मची थी. इस बीच NDTV के शो में सीनियर वकील और पूर्व राज्यसभा सदस्य महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने पहले अमेरिकी कारोबारी और हिंडनबर्ग की पोल खोली. उन्होंने इस पूरे मामले में चाइनीज कनेक्शन भी उजागर किया है. जेठमलानी ने आरोप लगाया है कि शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के पीछे चीन का लिंक है. जेठमलानी ने कहा कि हम हिंडनबर्ग को बहुत ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. इस पूरे खेल में ये एक छोटा खिलाड़ी था. बड़े खिलाड़ी और मास्टर माइंड अभी सामने नहीं आए हैं.
महेश जेठमलानी कहते हैं, “हिंडनबर्ग इस पूरी साजिश में एक छोटा प्लेयर था. उसका मास्टरमाइंड जैसे कि अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस और बाकी लोग. यही वास्तव में गुनहगार हैं. वो क्या करेंगे? भविष्य में वो कौन-कौन से एंटी इंडिया स्टेप्स लेंगे… ये अभी सामने नहीं आया है. मुझे ऐसा लगता है कि हिंडनबर्ग के बंद होने के पीछे कहीं न कहीं ट्रंप सरकार की शुरुआत एक वजह है.”
‘हम हिंडनबर्ग को बहुत ज्यादा महत्व दे रहे हैं, वह एक छोटा खिलाड़ी था इस पूरे साजिश में’ वरिष्ठ वकील, महेश जेठमलानी
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उन्होंने कहा, “अमेरिका में 20 तारीख से डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल की शुरुआत होने जा रही है. ट्रंप जरूर हिंडनबर्ग जैसी कंपनियों पर कोई एक्शन लेने वाले हैं, क्योंकि ये हिंडनबर्ग कंपनी रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ भी थी. शायद वो समय आ गया है, जब हमें थोड़ा ठहरकर देखने और सोचने की जरूरत है.”
जेठमलानी कहते हैं, “एक बात और भी देखने की है. भविष्य में हम ऐसे शॉर्ट सेलिंग से अपनी कंपनियों को बचाने के लिए क्या कदम उठाते हैं… ये भी देखना होगा. मुझे कोई शक नहीं है कि भारत सरकार इस मामले में कोई न कोई कदम उठाएगी.”
हिंडनबर्ग पर ताला लगने से भारत में सियासत कैसे बदलेगी? इसके जवाब में महेश जेठमलानी कहते हैं, “जब हिंडनबर्ग की कहानी निकली, तो हम सोच रहे थे कि यही शॉर्ट सेलर है. लेकिन ये सिर्फ एक फ्रंट था. असल में इनके पीछे कई लोगों को छिपाया गया था. हम हमें मालूम पड़ा कि इस साजिश के पीछे ब्रोकर था. कोटक था. फिर चाइनीज कनेक्शन और जासूसी का एंगल आया. मुझे कोई शक नहीं है कि इस मामले में जॉर्ज सोरोस ने पूरा का पूरा इनपुट दिया था. यही नहीं, संसद में कई सांसदों ने जब अदाणी ग्रुप पर सवाल उठाए थे, उनकी बातों के कुछ कंटेंट हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कंटेंट से मिलते हैं. अभी बहुत कुछ सामने आना बाकी है. लेकिन हिंडनबर्ग के बंद होने से उम्मीद है कि इसे लेकर भारत में हो रही सियासत पर भी ताला लग जाएगा.”
उन्होंने कहा, “हिंडनबर्ग के बंद होने का मतलब ये कतई नहीं है कि इसके पुराने अपराध मिट जाते हैं. हिंडनबर्ग ने ऐहतिहातन अपनी दुकान बंद की है. कंपनी ने आगे के एक्शन से बचने के लिए ये फैसला लिया है. इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि नेक एंडरसन एकमात्र आरोपी हैं. एंडरसन के पीछे और भी चेहरे हैं. कार्रवाई से एंडरसन नहीं बच पाएंगे. उम्मीद है कि इस मामले में बाकी चेहरे भी सामने आएंगे.”
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