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“हमास अब सभी बंधकों को रिहा करे…” अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो 

February 9, 2025 | by Deshvidesh News

“हमास अब सभी बंधकों को रिहा करे…” अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख को दोहराते हुए मांग की कि हमास सभी बंधकों को तुरंत रिहा करे. 490 दिनों तक कैद में रहने के बाद, एली, ऑर ओहद आखिरकार इजरायल में अपने घर पहुंच गए हैं. @POTUS ने स्पष्ट किया – हमास को सभी बंधकों को तुरंत रिहा करना चाहिए!

मार्को रुबियो का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इजरायल ने हमास द्वारा बातचीत के जरिए रिहा किए गए तीन बंधकों की वापसी की पुष्टि की. इससे पहले शनिवार को इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने घोषणा की थी कि तीनों बंधकों–ओहद बेन अमी, एली शराबी और ऑर लेवी -को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया है, जिसने उन्हें इजरायली क्षेत्र में पहुंचाया है. आईडीएफ और शिन बेट बलों ने उनके पहुंचने पर उनका स्वागत किया, जहां उनका प्रारंभिक चिकित्सा मूल्यांकन किया जाना था. गाजा में बंधक बनाए गए ये लोग स्पष्ट रूप से कमजोर दिखाई दे रहे थे, उनकी कमजोर स्थिति ने उनके परिवारों में चिंता पैदा कर दी थी.

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने उनकी रिहाई से पहले एक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किया था. इसमें बंधकों को एक प्रचार प्रदर्शन में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया था. समारोह के दौरान एक नकाबपोश हमास कार्यकर्ता ने भाषण दिया, जबकि तीन बंदियों को प्रमाण पत्र पकड़ा कर मंच पर परेड कराई गई.  

ओहद बेन अमी की मां, मिशल कोहेन ने अपने बेटे को कमज़ोर और अपनी उम्र से ज़्यादा बूढ़ा देखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की. ऑर लेवी के भाई, ताल लेवी ने भी अपने भाई की दुर्बल स्थिति पर ध्यान दिया, लेकिन सभी बंधकों को घर वापस लाने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया. बंधक एवं लापता परिवार फोरम ने इस आह्वान को और मजबूत करते हुए रिहा किए गए बंदियों की व्यथित करने वाली तस्वीरों को इस बात का निर्विवाद प्रमाण बताया कि अभी भी कैद में बंद लोगों की आजादी सुनिश्चित करना कितना जरूरी है.

इस समझौते के तहत, इजराइल ने नेगेव में केज़ियोट जेल और वेस्ट बैंक में ओफर जेल से 183 फ़िलिस्तीनी सुरक्षा कैदियों को रिहा करने की तैयारी की है. इस समूह में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 18 कैदी शामिल हैं, जिनमें से सात को निर्वासित किया जाना है. 183 बंदियों में से 111 को चल रहे युद्ध के दौरान गाजा में गिरफ़्तार किया गया था, जबकि शेष 72 वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम से हैं.

 

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