महाकुंभ 2025 ग्राउंड रिपोर्ट: मौनी अमावस्या हादसे के बाद बदले गए हैं नियम, जानिए बसंत पंचमी पर क्या है खास इंतजाम
February 3, 2025 | by Deshvidesh News

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार को बसंत पंचमी के अवसर पर महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान आज होने जा रहा है. इस अमृत स्नान के लिए मेला क्षेत्र में लागू नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. आने-जाने के रास्तों को अलग करने के साथ ही मेला क्षेत्र को नो व्हिकल जोन घोषित किया गया है. 13 फरवरी से अब तक संगम में 33.61 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तैयारियों का जायजा लिया और मेला क्षेत्र का दौरा किया. साथ ही हवाई सर्वेक्षण कर सभी सात प्रमुख रास्तों को भी देखा.

बसंत पंचमी के स्नान के लिए मेला क्षेत्र पूरी तरह से तैयार है. उम्मीद की जा रही है कि इस मौके पर करोड़ों लोग आस्था के संगम में डुबकी लगाएंगे. करोड़ों श्रद्धालुओं को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर जो घटना हुई थी, उससे सबक लेकर प्रशासन ने अलग रणनीति बनाई है, जिससे बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.
बसंत पंचमी के दिन स्नान और दान की बड़ी मान्यता है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या की तरह ही करोड़ों श्रद्धालु यहां पर पहुंचेंगे.

मेला क्षेत्र में यह रहेगी व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने बसंत पंचमी के स्नान से पहले अधिकारियों के साथ बैठक में कई जरूरी बातें कही हैं. उन्होंने अधिकारियों को महाकुंभ का एरियल निरीक्षण करने और एरर फ्री बसंत पंचमी का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी घाटों पर लोगों को स्नान के लिए प्रेरित किया जाए. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में पास वाली किसी भी गाड़ी को एंट्री नहीं दी जाएगी और यह क्षेत्र व्हीकल फ्री होगा. प्रयागराज के आसपास से आने वाले वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा और उन्हें शहर में प्रवेश करने से रोका जाएगा. भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. एंट्री और एग्जिट प्वाइंट को बढ़ाया गया है और जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की गई है.

इसके साथ ही सेना के अधिकारियों के हाथों में कई जगहों को सौंप दिया गया है. इसके अलावा कई जगहों पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है. साथ ही आईट्रिपल सी कमांड सेंटर में दो वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं और पूरे मेला क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग के लिए पुलिस अधिकारियों को कहा गया है.
3 से 4 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
बसंत पंचमी पर 3 से चार करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने का अनुमान है. सरकार की ओर से मौनी अमावस्या के हादसे के बाद कई कदम उठाए हैं, जिनका असर भी यहां पर देखा जा सकता है. बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज और मेला क्षेत्र में आ रहे हैं, लेकिन पहले जहां पर हर तरफ लोगों की जबरदस्त भीड़ नजर आती थी और कई जगहों पर पैर रखने की जगह तक नहीं होती थी, लेकिन अब भीड़ जरूर है, लेकिन उस तरह के हालात नजर नहीं आते हैं.

मेला क्षेत्र में आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते
प्रशासन ने तय किया है कि कहीं पर भी भीड़ को एकत्रित न किया जाए. लगातार उन्हें आगे बढ़ाया जाए जिससे उनका मूवमेंट होता रहे और भगदड़ जैसी स्थिति न बने. साथ ही मेला क्षेत्र में एक्टिव अधिकारियों की तैनाती की गई है. पुलिस अधिकारियों के वाहन के अलावा मेला क्षेत्र में कोई वाहन नहीं होगा. मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है और इसका सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. साथ ही आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते तय किए गए हैं.

अमृत स्नान के लिए अखाड़ों की कैसी तैयारी?
बसंत पंचमी के स्नान को लेकर सभी अखाड़ों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. बड़ी संख्या में ट्रेक्टरों को फूल-मालाओं से सजाया गया है. अमृत स्नान के दौरान अखाड़े पूरी भव्यता के साथ इन अखाड़ों के महामंडलेश्वर और अन्य साधु-संत इन्हीं ट्रेक्टरों के जरिये अखाड़ों तक निकलते हैं और संगम नोज तक जाते हैं. इस दौरान धार्मिक मंत्रों और आध्यात्मिक नारों के साथ शोभायात्रज्ञ निकलती है और संगम की ओर जाती है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और अखाड़ों के संगम तक आने के लिए निर्धारित मार्ग के किनारों पर खड़ होते हैं और साधु-संतों के दर्शन करते हैं.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की श्रद्धालुओं से अपील
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि बसंत पंचमी का स्नान भव्य और लाव-लश्कर के साथ होगा. उन्होंने बताया कि ऐसा प्रयास होगा कि इस बार का अमृत स्नान ऐसा होगा कि जैसा पहले कभी न हुआ हो.
उन्होंने बताया कि निरंजनी अखाड़ा सुबह साढ़े चार बजे स्नान के लिए रवाना होगा और स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है. हमारा पूरा प्रयास होगा कि इसके बाद अन्य श्रद्धालुओं को स्नान करने का अवसर दिया जाए.
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि आपको जहां पर भी गंगा जी की जहां भी धारा दिखाई दे, चाहे वो कोई प्रयागराज का कोई भी क्षेत्र हो आप वहां पर स्नान करें.
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