बजट में मिडिल क्लास की बचत पर जोर, स्वामी फंड-2 से कई अटके प्रोजेक्ट होंगे शुरू : निरंजन हीरानंदानी
February 1, 2025 | by Deshvidesh News

बजट 2025 को लेकर अलग-अलग तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. कुछ इसे मिडिल क्लास का बजट, तो कुछ इसे राजनीतिक बजट की संज्ञा दे रहे हैं. लेकिन एक्सपर्ट की नजर में यह भविष्य का बजट है. रियल एस्टेट टाइकून और हीरानंदानी ग्रुप के को-फाउंडर निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि इस बजट में कई ऐसे प्रावधान किये गए, जिनका प्रभाव भविष्य में देखने को मिलेगा. रियल स्टेट जैसे सेक्टर में कई रुके हुए प्रोजेक्ट्स फिर से शुरू हो सकते हैं, जिससे लाखों लोगों को फायदा पहुंचेगा.
मिडिल क्लास की बजट बढ़ाने पर जोर
बजट में कई ऐसी योजनाएं और राहतें दी गई हैं, जिसका लाभ हमें आने वाले समय में देखने को मिलेगा. बजट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चाहते हैं कि मिडिल क्लास की सरप्लस (बचत) को बढ़ाया जाए और इसके साथ ही उनकी खर्च करने की क्षमता और परचेजिंग पावर भी बढ़ाया जाए. आज की तारीके से देखा जाए, तो मध्यम वर्ग कॉर्नर हो गए था. अलग-अलग आइटम्स पर जीएसटी (GST) बहुत लग रहा था, जो मध्यम वर्ग को बहुत ज्यादा लग रहा था.

स्वामी फंड-2 से कई अटके प्रोजेक्ट होंगे शुरू
इस बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने हर क्षेत्र में कुछ न कुछ राहत देने की कोशिश की है. हाउसिंग सेक्टर में देखें, तो अटके हुए प्रोजेक्ट्स को शुरू करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. स्वामी फंड-2 लेकर आए हैं, जिसमें 15 हजार करोड़ रुपये दिये गए हैं. इससे एनसीआर में अटके हुए कई प्रोजेक्ट्स को फायदा होगा. इससे पहले स्वामी फंड-1 में एक घर खरीदारों को लाभ हुआ था. अब स्वामी फंड-2 से भी लाखों लोगों को फायदा होगा. अगर प्राइवेट बैंक और संस्थाएं फिर इसमें जुड़ जाएं, तो बड़ी संख्या में लोगों को फायदा हो सकता है.
स्किल डेवलेपमेंट से बढ़ेगा इंडिया
स्किल डेवलेपमेंट की दिशा में उठाए गए कदम भी बेहद सराहनीय हैं. ये बहुत अहम कदम है, जिससे भविष्य में काफी प्रभाव पड़ने वाला है. देखने में ये आया है कि रियल स्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हम मार्केट में दूसरे सबसे बड़े एंप्लॉयर हैं. इन क्षेत्रों में हम 7 करोड़ वर्कर्स यूज कर रहे हैं. हमें अभी इस क्षेत्र में स्किल्ड वर्कर्स चाहिए 23 लाख, लेकिन हमारे पास हैं सिर्फ 13 लाख. ये बहुत बड़ा अंतर है. एक कंपनी जैसे लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड है, उन्होंने अभी डेढ़ महीने पहले ऐलान किया था कि उनकी एक कंपनी में 25 हजार स्किल्ड वर्कर्स की कमी है. इस तरह से देखा जाए, तो हमारे पास वर्कर्स की कमी है स्किल्ड एरिया में और दूसरी तरफ हमारे यहां बेरोजगारी भी है. इस तरफ है स्किल डेवलेपमेंट योजनाओं का काफी लाभ मिलने वाला है और रोजगार बढ़ेगा.
साल 2030 तक हमें सिर्फ कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले 10 करोड़ लोग चाहिए होंगे, जिनमें 3 करोड़ से ज्यादा स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत होगी. इस तरह से देखें, तो इस समय 2 करोड़ लोगों को स्किल्ड करने की जरूरत है. इसके अलावा टैक्स में छूट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस( विवाद से विश्वास, कस्टम ड्यूटी) पर सरकार का जोर है. ऐसे में ये भविष्य का बजट है.
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