प्रेमानंद जी महाराज ने बताया किस तरह करनी चाहिए महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा, यहां जानिए विधि
February 26, 2025 | by Deshvidesh News

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर महादेव की विशेष पूजा का विधान है. महाशिवरात्रि की पूजा को अत्यधिक शुभ माना जाता है. कहते हैं जो भक्त भगवान शिव की पूरे मनोभाव से पूजा करते हैं उनपर महादेव की कृपादृष्टि पड़ती है. मान्यतानुसार महाशिवरात्रि की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है और विवाहित महिलाओं को अच्छे वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है. भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा किस तरह करें इस बारे में वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज बता रहे हैं. प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) कहते हैं कि जो हरि का नाम लेता है वो हर का नाम लेता ही है. हरि अर्थात भगवान विष्णु और हर यानी भगवान शिव. प्रेमानंद महाराज के अनुसार महादेव की पूजा पूरे मनोभाव से की जाए तो प्रभू धतूरा जैसी सामान्य चीज से भी प्रसन्न हो जाते हैं. यहां जानिए भगवान शिव की पूजा करने को लेकर प्रेमानंद महाराज क्या कहते हैं.
महाशिवरात्रि पर ऐसे कर सकते हैं भगवान शिव का पूजन
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि भगवान शिव की पूजा चुल्लू पानी चढ़ाकर भी की जा सकती है. महादेव की पूजा (Shiv Puja) में धतूरा, बेलपत्र और अकौड़े के फूल के साथ ही गंगाजल शामिल किया जाता है. प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि कोई प्राणी यदि सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है तो महादेव उसकी पूजा स्वीकार करते हैं. आप जब उठते-बैठते हैं या चलते-फिरते हैं तो अपने आराध्य का स्मरण कर सकते हैं. भोलेनाथ की पूजा में प्रेमानंद महाराज के कहेनुसार ‘सांब सदाशिव’ मंत्र का जाप करते रहना शुभ होता है.
प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि काशी से उनके पास रुद्राक्ष की मालाएं आती रहती हैं. प्रेमानंद महाराज के अनुसार, एक बार श्रीराम ने अपनी प्रजा से कहा था कि मैं राजा बनकर आदेश नहीं दे रहा हूं बल्कि सबसे हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूं कि यदि कोई मेरी भक्ति चाहता है तो वह भगवान शंकर की पूजा किए बिना विशुद्ध भक्ति प्राप्त नहीं कर सकेगा.
महाशिवरात्रि पर महादेव के भजन
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा
ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय,
सत्य है ईश्वर शिव है जीवन,
सुन्दर ये संसार है तीनों लोक है
तुझमे तेरी माया अपरम्पार है
ओम नमः शिवाय नमो,
ओम नमः शिवाय नमो,
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा ||
पार्वती जब सीता बन कर,
जय श्री राम के सम्मुख आई,
राम ने उनको माता कहकर,
शिव शंकर की महिमा गायी,
शिव भक्ति में सब कुछ सूझा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा ||
तेरी जटा से निकली गंगा,
और गंगा ने भीष्म दिया है,
तेरे भक्तों की शक्ति ने,
सारे जगत को जीत लिया है,
तुझको सब देवोँ ने पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा ||
मन मेरे मंदिर शिव मेरी पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा ||
ओम नमः शिवाय नमो |
ओम नमः शिवाय नमो |
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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