नई दिल्ली विधानसभा सीट: क्यों बन गई है हॉट सीट, क्या रहा है इस सीट का सीएम की कुर्सी से रिश्ता
January 15, 2025 | by Deshvidesh News

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद कजेरीवाल अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. वो नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से बीजेपी ने अपने पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है. वर्मा ने भी आज ही अपना नामांकन दाखिल किया. इस बार चुनाव में इस सीट से कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है. इन तीनों उम्मीदवारों के चलते दिल्ली की यह सीट सबसे हॉट सीट बन गई है. इसकी वजह यह है कि पिछले सात में से छह चुनाव में इस सीट से जीतने वाला व्यक्ति ही दिल्ली का सीएम बना है. इसलिए सबकी नजरें इस सीट पर लगी हुई हैं.
नई दिल्ली सीट पर किसके बीच है मुकाबला
इस बार इस सीट पर मुख्य मुकाबला अरविंद केजरीवाल, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और संदीप दीक्षित के बीच माना जा रहा है. इन तीनों में समानता यह है कि एक तरफ जहां केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे हैं, वहीं वर्मा और दीक्षित के पिता और मां दिल्ली की मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्मा बीजेपी के कद्दावर नेता रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. वहीं दिल्ली तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं. वर्मा और दीक्षित दोनों लोकसभा सांसद रह चुके हैं. बीजेपी इस सीट को केवल एक बार ही जीत पाई है. साल 1993 के चुनाव में क्रिकेट के मैदान से राजनीति के मैदान में आए कीर्ति झा आजाद इस सीट से विधायक चुने गए थे. वो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं. इस समय वो पश्चिम बंगाल की बर्द्वमान दुर्गापुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं.

नई दिल्ली विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने से पहले वाल्मीकि मंदिर में पूजा-पाठ करते अरविंद केजरीवाल.
दिल्ली के विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य बनने के बाद 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट नहीं थी. आज जो नई दिल्ली विधानसभा सीट है, वह पहले गोल मार्केट विधानसभा सीट के तहत आती थी. साल 2008 में परिसीमन के बाद नई दिल्ली विधानसभा सीट अस्तित्व में आया. दिल्ली की राजनीति में यह दिलचस्प संयोग रहा कि जिस पार्टी का उम्मीदवार गोल मार्केट विधानसभा सीट और नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीता, दिल्ली में उसी की सरकार बनी. यही वजह है कि 1993 में बीजेपी, 1998, 2003 और 2008 में प्रदेश में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. वहीं 2013, 2015 और 2020 में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी. इसलिए इस बार भी लोगों की नजर नई दिल्ली विधानसभा सीट पर लगी हुई है.
अरविंद केजरीवाल की जीत की हैट्रिक
इस विधानसभा सीट पर अधिकांश सरकारी कॉलोनियां हैं.इसलिए इस सीट के वोटर को पढ़ा-लिखा वोटर माना जाता है. वो लहर को आसानी से पहचान कर वोट देता है. इस सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल यहां से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. साल 2013 के चुनाव में केजरीवाल ने कांग्रेस की शीला दीक्षित को 25 हजार 864 वोट के अंतर से हराया था. वहीं 2015 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी की नूपुर शर्मा को 31 हजार 583 वोटों के अंतर हराया तो 2020 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के सुनील यादव को 21 हजार 697 वोटों के अंतर से मात दी थी.

नई दिल्ली विधानसभा सीट से नामांकन से पहले सफाई कर्मियों का आशीर्वाद लेते प्रवेश वर्मा.
इस बार बीजेपी और कांग्रेस ने जिस तरह से उम्मीदवार उतारे हैं,उसे देखकर लगता है कि इस बार अरविंद केजरीवाल को इस सीट पर कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा. इसकी वजह यह है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के गर्भ से पैदा हुई आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है. भ्रष्टाचार के आरोप में ही अरविंद केजरीवाल को जेल भी जाना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई सशर्त जमानत पर वो जेल से रिहा हुए हैं. दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस भ्रष्टाचार और दिल्ली की बदहाली के नाम पर आम आदमी पार्टी को घेर रही हैं.
नई दिल्ली सीट पर कौन हैं बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार
बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश साहिब सिंह वर्मा दिल्ली में बीजेपी के तेजतर्रार नेता हैं. वो 2014 में पश्चिमी दिल्ली सीट से सांसद चुने गए थे. वो एक हिंदूवादी छवि वाले नेता हैं. प्रवेश वर्मा विधायक भी रह चुके हैं.उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में आप के योगेंद्र शास्त्री को हराया था. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार दो बार पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. वो अपनी मांग शीला दीक्षित की सरकार में किए गए विकास के काम को लेकर चुनाव मैदान में हैं.

कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित जनसंपर्क करते हुए.
उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से ही वो आम आदमी पार्टी को कई मामले में घेर चुके हैं. वो आम आदमी पार्टी की शिकायत लेकर उपराज्यपाल के पास भी जा चुके हैं. वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि उसे हराने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने समझौता कर लिया है. आरोप प्रत्यारोप के इस दौर को देखते हुए लगता है कि इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. इसमें जीत किसे मिलेगी इसके लिए हमें आठ फरवरी तक का इंतजार करना पड़ेगा, जब नतीजे आएंगे.
ये भी पढ़ें: आरएसएस-बीजेपी पर राहुल गांधी का अटैक, बोले- मोहन भागवत ने संविधान का अपमान किया
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
सफेद बालों को नेचुरली काला करने का रामबाण तरीका, नारियल तेल में ये चीज मिलाकर लगाने से क्या बाल वाकई काले होते हैं?
February 6, 2025 | by Deshvidesh News
क्या वाकई ढाई किलो का है सनी देओल का हाथ? जाट फिल्म के एक्टर ने किया खुलासा
January 13, 2025 | by Deshvidesh News
भारत का ये राज्य है दुनिया भर की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक, टॉप 52 की लिस्ट में हासिल किया चौथा स्थान
January 18, 2025 | by Deshvidesh News