दिल्ली: UCO और AXIS बैंक लूट का खुलासा, जीजा-साले की जोड़ी ऐसे करती थी ATM से रकम साफ
January 18, 2025 | by Deshvidesh News

दिल्ली के गांधी नगर स्थित UCO और AXIS बैंक की लूट (Delhi Bank Robbery) का खुलासा हो गया है. जीजा-साले की जोड़ी से मिलकर ATM में बड़ा फ्रॉड किया. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. UCO बैंक से एक शिकायत गांधी नगर थाने में को मिली थी, जिसमें एटीएम मशीन से छेड़छाड़ (ATM Fraud) और ग्राहकों के खातों से पैसा कटने, लेकिन कैश ट्रे से नकदी न निकलने की शिकायत की गई थी. शिकायत के आधार पर एक पुलिस टीम बनाई गई और बैंक से जानकारी जुटाई गई. साथ ही एटीएम के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया.
ATM में ‘कैश लें’ का मैसेज आया लेकिन मिला नहीं
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब वह UCO बैंक के एटीएम से पैसे निकालने गए, तो मशीन ने “अपना कैश लें” का संदेश दिखाया, लेकिन नकदी ट्रे में फंस गई. बाद में बैंक में शिकायत करने पर पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर उनका पैसा चुरा लिया.
पकड़े गए ATM फ्रॉड के आरोपी
जांच के दौरान गांधी नगर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई, जिसमें एक संदिग्ध कार (मारुति ब्रेजा नंबर UP14GE5715) एटीएम के पास खड़ी मिली. यह जानकारी गुप्त सूत्रों को दी गई. इसके बाद सूचना मिली कि यही संदिग्ध कार गांधी नगर क्षेत्र में घूम रही है. टीम ने ठोकर नंबर 21, पुश्ता रोड, गांधी नगर के पास जाल बिछाकर कार में मौजूद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान मैनपुरी के रहने वाले 29 साल के अंकुश, दिल्ली के रहने वाले 41 साल के बिदनेश के तौर पर हुई है.
तलाशी के दौरान उनके कब्जे से कार के उपकरण जैसे कि एक कटर, टेप, 6 प्लाई प्लेट्स और 1 स्टेनलेस स्टील प्लेट बरामद हुए, जिनका इस्तेमाल वे एटीएम मशीन से छेड़छाड़ करने के लिए करते थे.
ऐसे ATM से निकालते थे रकम
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे एटीएम मशीन की कैश ट्रे के नीचे चिपकने वाली टेप और प्लाई लगाकर नकदी को बाहर आने से रोक देते थे. इसके लिए वे मास्टर की का उपयोग करते थे, जो उन्हें एक व्यक्ति अमन से मिला था. जब उपयोगकर्ता कैश न मिलने पर एटीएम छोड़कर चला जाता, तो वे बाद में आकर पैसा निकाल लेते थे. आरोपियों ने UCO बैंक और AXIS बैंक के एटीएम को निशाना बनाया. उन्होंने मशीन के सेंसर की वायर को भी कटर से काट दिया, जिससे बैंक को मशीन से छेड़छाड़ की जानकारी नहीं मिल पाती थी.
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