दिल्ली विधानसभा में पेश शराब नीति की CAG रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासे, जानिए बड़ी बातें
February 25, 2025 | by Deshvidesh News

नई आबकारी नीति पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG Report In Liquor Policy) की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पेश कर दी गई. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह रिपोर्ट सदन में पेश की. यह ऑडिट 2017-18 से 2020-21 तक का है. इस रिपोर्ट से सामने आया है कि दिल्ली की शराब पॉलिसी बदले जाने से किस तरह से 2,002 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर हैरानी होती है कि 2017-18 के बाद CAG की रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई.उन्होंने इसकी प्रतियां सदन के अन्य सदस्यों को वितरित करने का निर्देश भी दिया. आखिर इस कैग रिपोर्ट में है क्या, यहां समझिए.
ये भी पढ़ें-2 हजार करोड़ का घाटा, भाई-भतीजावाद… दिल्ली शराब नीति पर CAG रिपोर्ट में क्या कुछ है, जानिए डिटेल्स
शराब पॉलिसी पर CAG की रिपोर्ट में क्या है?
- नई आबकारी नीति से दिल्ली सरकार को क़रीब 2000 हज़ार करोड़ का घाटा लगा है
- नई शराब नीति में पहले के एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था
- नई नीति में एक शख़्स दो दर्जन से ज़्यादा लाइसेंस ले सकता था
- दिल्ली में पहले 60 फीसदी शराब की बिक्री 4 सरकारी कॉर्पोरेशन से होती थी
- नई शराब नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है
- शराब बिक्री का कमीशन 5 फ़ीसदी से बढ़ाकर 12 फ़ीसदी किया गया
- थोक का लाइसेंस शराब वितरक और शराब निर्माता कंपनियों को भी दे दिया गया जो कि उल्लंघन है
- लाइसेंस देने से पहले आर्थिक या आपराधिक कोई जांच नहीं की गई
- शराब लाइसेंस देने में राजनीतिक दख़ल और भाई भतीजावाद हुआ
- लिकर जोन के लिए 100 करोड़ के निवेश की ज़रूरत होती थी लेकिन नई पॉलिसी में इसे ख़त्म कर दिया गया
- कैबिनेट की मंजूरी लेने के लिए नियमों का उल्लंघन हुआ
- शराब की दुकान खोलने में नियमों को ताक पर रखकर अवैध शराब की दुकानें खोली गईं
- घरेलू और मिक्स लैंड यूज़ में भी शराब की दुकानें खोली गईं
- MCD और DDA की अप्रूवल नहीं ली गई
- शराब दुकानें गलत जगह पर खोली गईं
- शराब की क्वालिटी से समझौता किया गया
- क्वालिटी स्टैंडर्ड्स और BIS की रिपोर्ट नहीं होने पर भी शराब बेचने की परमिशन मिली
- शराब की टेस्टिंग की कुछ रिपोर्ट दी गईं, लेकिन जांच में पता चला कि ये लैब अनाधिकृत थी
- विदेशी शराब के मामले में 51 फ़ीसदी रिपोर्ट पुरानी या गायब थी
- शराब में हानिकारक तत्वों की रिपोर्ट को अनदेखा किया गया
- दिल्ली की शराब की तस्करी को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं उठाए गए
- अवैध शराब बेचने को बढ़ावा मिला
आबकारी नीति की वजह से हुआ बड़ा घाटा
कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिली सरकार को 2021-2022 की आबकारी नीति की वजह से 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ. इसके लिए कमजोर नीतिगत ढांचे से लेकर आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गलती समेत कई कारण जिम्मेदार थे.
विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को अनदेखा किया गया
CAG की रिपोर्ट में पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के प्रदर्शन पर 14 में से एक रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिह्नित किया गया है. इसमें बताया गया है कि अब खत्म हो चुकी नीति के निर्माण में बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था.
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