आज है नेताजी ‘सुभाष चंद्र बोस’ जयंती, यहां जानिए 10 लाइनों में उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
January 23, 2025 | by Deshvidesh News

Neta ji Subhash Chandra bose Jayanti 2025 : आज सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती है. देश की आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है. ब्रिटिश शासन से देश की आजादी की लड़ाई के दौरान नेताजी के दिए नारों ने देशभक्ति की अलख जगा दी थी- तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिन्द, दिल्ली चलो. इसमें से तो ‘जय हिंद’ का नारा राष्ट्रीय नारा बन गया. ऐसे में आज हम सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे हर देशवासी को जानना जरूरी है…
सुभाष चंद्र बोस के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
1- सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 में ओडिशा के कर्नाटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था. इनकी मां का नाम प्रभावती और पिता का जानकीनाथ था.
2- आपको बता दें कि सुभाष चंद्र बोस 14 भाई बहन थे. जिसमें से ये 9वें नंबर पर थे.
3 – सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा भी पास की थी जिसमें उन्हें चौथा रैंक प्राप्त हुआ था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजों से मुल्क की आजादी के लिए इस पद की बलि चढ़ा दी.
4- सुभाषचंद्र बोस ने साल 1937 में अपनी सेक्रेटरी और ऑस्ट्रियन युवती एमिली से शादी कर ली. इससे उन्हें एक बेटी हुई जिनका नाम अनीता रखा गया. वर्तमान में अनीता जर्मनी में अपने परिवार के साथ रहती हैं.
5- देश की आजादी के लिए सुभाषचंद्र बोस ने 1943 में सिंगापुर में आजाद हिंद फौज सरकार की स्थापना की. जिसे 9 देशों की सरकारों ने मान्यता दी थी जिसमें जर्मनी, जापान और फिलीपींस भी शामिल थे.
6- यही नहीं सुभाषचंद्र बोस ने ‘आजाद हिंद फौज’ नाम से रेडियो स्टेशन भी शुरू किया था. बोस ने पूर्वी एशिया में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व भी किया था.
7- सुभाष चंद्र बोस अपनी फौज के साथ 1944 में म्यांमार (पूर्व में बर्मा) पहुंचे थे. यहीं पर उन्होंने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा लगाया था.
8- आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सुभाष चंद्र बोस ने सोवियत संघ, नाजी जर्मनी, जापान जैसे देशों से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सहयोग मांगा था. जिसके बाद से सभी राजनीतिक दलों ने उनपर फांसीवादी ताकतों के साथ नजदीकी रिश्ते होने का आरोप लगाया.
9- 18 अगस्त 1945 को ताइपई में हुए एक विमान दुर्घटना के बाद नेताजी लापता हो गए. इसके लिए 3 जांच आयोग बैठाए गए जिसमें से दो ने दुर्घटना के दौरान मृत्यु का दावा किया था जबकि तीसरी कमेटी का दावा था कि घटना के बाद सुभाष चंद्र बोस जिंदा थे. इसको लेकर सुभाष चंद्र बोस के परिवार में भी मतभेद हो गया.
10 – 2016 में प्रधानमंत्री मोदी सरकार में सुभाष चंद्र बोस से जुड़े 100 गोपनीय दस्तावेज को सार्वजनिक कर दिया गया. इसका डिजिटल संस्करण राष्ट्रीय अभिलेखागार में मौजूद है.
11- आपको बता दें कि 2021 में सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी.
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