आंख में एक खो गया था कॉन्टैक्ट लेंस, 1 महीने बाद इस तकनीक से मिला, देखें वायरल वीडियो
January 26, 2025 | by Deshvidesh News

Contact Lens: क्या होगा अगर आपका कॉन्टैक्ट लेंस आंख के अंदर ही खो जाए? बहुत से लोग रात को सोने से पहले लेंस उतारना भूल जाते हैं और बिना लेंस निकाले सो जाते हैं, जिससे कई बार लेंस आंख के अंदर ही खो जाते हैं. हाल ही में, विजनकेयर इंडिया के इंस्टाग्राम पेज पर एक ऐसा वीडियो पोस्ट किया गया, जिसने आई हेल्थ और तकनीक के अनोखे संगम को उजागर किया. इस वीडियो में दिखाया गया कि कैसे फ्लोरोसेंट डाई की मदद से एक महीने से खोया हुआ कॉन्टैक्ट लेंस ढूंढा गया. यह वीडियो न केवल आई केयर फील्ड में हो रहे इनोवेशन्स को दर्शाता है, बल्कि उन लोगों के लिए भी एक राहत की खबर है, जो कॉन्टैक्ट लेंस पहनते समय ऐसी समस्याओं का सामना करते हैं. साथ ही साथ ये सीख भी देता है कि हमेशा सोने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस निकालना न भूलें.
क्या है फ्लोरोसेंट डाई?
फ्लोरोसेंट डाई एक खास प्रकार का रंग है, जिसे आई केयर में आंखों की सतह और उसके घावों का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है. यह डाई अंधेरे में या पराबैंगनी (UV) रोशनी में चमकती है, जिससे डॉक्टर को आंखों की गहराई से जांच करने में मदद मिलती है.
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कैसे ढूंढा गया खोया हुआ कॉन्टैक्ट लेंस?
वीडियो में दिखाया गया कि एक एक महीने पहले खोया हुआ कॉन्टैक्ट लेंस कैसे फ्लोरोसेंट डाई की मदद से खोजा गया. यह डाई पीले रंग की थी जिसे अंदर के अंदर बहुत कम मात्रा में लगाया गया, जिसके बाद अंधेरा करने पर पराबैंगनी रोशनी डालकर डाई की चमक के कारण खोया हुआ कॉन्टैक्ट लेंस तुरंत नजर आ गया, जो आंख के बिल्कुल साइड में था और सामान्य रूप से नहीं दिखाई दे रहा था.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया कि, “कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सोना आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है! जब आप उन्हें पहनकर सोते हैं, तो आपके कॉर्निया को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे सूखापन, जलन या यहाँ तक कि संक्रमण भी हो सकता है! हेल्दी आंखों के लिए हमेशा तकिया पर सोने से पहले उन्हें निकालना याद रखें.
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यहां देखें पोस्ट:
क्यों जरूरी है यह तकनीक?
यह घटना यह दर्शाती है कि सही तकनीक और उपकरण की मदद से जटिल समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं, जब लेंस गलती से आंख के अंदर खो जाता है या हटाते समय फट जाता है. अगर इसे समय पर नहीं निकाला जाए, तो यह आंखों की गंभीर समस्याओं जैसे संक्रमण, जलन या अल्सर का कारण बन सकता है.
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