ऑफिस में ’90 घंटे’ काम पर बहस! महिंद्रा बोले- मेरी बीवी बहुत खूबसूरत, निहारना अच्छा लगता है
January 12, 2025 | by Deshvidesh News

महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने शनिवार को कहा कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान दें उसकी मात्रा पर नहीं, क्योंकि 10 घंटे में दुनिया बदल सकती है. इसी के साथ, महिंद्रा भी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के अध्यक्ष एस.एन. सुब्रह्मण्यन द्वारा सप्ताह में 90 घंटे काम करने की छेड़ी गई बहस में शामिल हो गए हैं. महिंद्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वह इसलिए नहीं हैं कि वह अकेले हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी बेहद खूबसूरत है. मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है.”
सोशल मीडिया में जारी है विवाद
लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन की टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने सवाल किया था, ‘‘आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं.” सुब्रह्मण्यन ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की वकालत की और सुझाव दिया कि कर्मचारियों को रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए. महिंद्रा ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने को लेकर गए पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और अन्य के प्रति अपना सम्मान दोहराते हुए कहा, ‘‘मैं गलत नहीं कहना चाहता, लेकिन मुझे कुछ कहना है. मुझे लगता है कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है, क्योंकि यह बहस काम की मात्रा के बारे में है.”
)
– आनंद महिंद्रा
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक ऐसा मस्तिष्क होना चाहिए जो ‘‘समग्र तरीके से सोचता हो, जो दुनिया भर से आने वाले सुझावों के लिए खुला हो.” महिंद्रा समूह के चेयरमैन ने साथ ही कहा कि इंजीनियरों और एमबीए जैसे विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को कला और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें. उन्होंने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘यदि आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप मित्रों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप पढ़ नहीं रहे हैं, यदि आपके पास चिंतन-मनन करने का समय नहीं है, तो आप निर्णय लेने में सही इनपुट कैसे लाएंगे?”
आनंद महिंद्रा ने वाहन बनाने वाली अपनी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘हमें यह तय करना होगा कि ग्राहक कार में क्या चाहता है। अगर हम हर समय केवल कार्यालय में ही रहेंगे, अपने परिवार के साथ नहीं होंगे, हम अन्य परिवारों के साथ नहीं होंगे तब हम कैसे समझेंगे कि लोग क्या खरीदना चाहते हैं? वे किस तरह की कार में बैठना चाहते हैं?”
महिंद्रा से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उनके फॉलोअर अक्सर पूछते हैं कि उनके पास कितना समय है और वह काम करने के बजाय सोशल मीडिया पर इतना समय क्यों बिताते हैं. इसका जवाब देते हुए उद्योगपति ने कहा, ‘‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं सोशल मीडिया पर ‘एक्स’ पर हूं, इसलिए नहीं कि मैं अकेला हूं… मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत है. मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है. मैं अधिक समय बिताता हूं. मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया हूं. मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि लोग यह नहीं समझते कि यह एक अद्भुत व्यावसायिक उपकरण है, कैसे एक ही मंच पर मुझे 1.1 करोड़ लोगों से प्रतिक्रिया मिलती है…” पिछले वर्ष, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी यह कहकर एक बहस छेड़ दी थी कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
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