Maha Shivratri 2025: इस साल 26 या 27 फरवरी कब पड़ रही है महाशिवरात्रि, जानिए भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त, भोग और महत्व
February 18, 2025 | by Deshvidesh News

Maha Shivratri 2025: भगवान शिव की पूजा के लिए शिवरात्रि को बेहद शुभ दिन माना जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूरे मनोभाव से आराधना की जाती है. माना जाता है कि इसी दिन महादेव (Lord Shiva) और मां पार्वती का विवाह हुआ था. ऐसे में इस दिन व्रत रखने वालों पर भगवान शिव और मां पार्वती की खास कृपादृष्टि पड़ती है. मान्यतानुसार महाशिवरात्रि का व्रत करने पर अच्छे वर की प्राप्ति होती है, वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और जीवन में खुशहाली आती है. इस साल महाशिवरात्रि की सही तिथि को लेकर खासा उलझन की स्थिति बन रही है. ऐसे में यहां जानिए 26 या 27 फरवरी कब रखा जाएगा महाशिवरात्रि का व्रत और किस तरह संपन्न होगी भगवान शिव की पूजा.
महाशिवरात्रि कब है | Maha Shivratri 2025 Date
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. यह तिथि इस साल 26 फरवरी की सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 फरवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा. ऐसे में शिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी के दिन रखा जाएगा और 26 फरवरी, बुधवार की रात ही शिव पूजा संपन्न की जाएगी.
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त
- महाशिवरात्रि के दिन महादेव का जलाभिषेक किया जाता है. इस दिन सुबह 6:47 बजे से सुबह 9:42 बजे तक जलाभिषेक का पहला शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) बन रहा है.
- दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11:06 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है.
- जलाभिषेक करने का दोपहर का मुहूर्त दोपहर 3:25 से शाम 6:08 बजे तक है.
- जलाभिषेक करने का रात्रि मुहूर्त 8:54 बजे से शुरू होकर रात 12:01 बजे तक रहने वाला है.
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान पश्चात महादेव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं. पूजा सामग्री (Puja Samagri) में बेलपत्र, भांग, गन्ना, धतूरा, तुलसी, जायफल, फल, मिष्ठान और चंदन आदि शामिल किए जाते हैं. महादेव के मंत्रों का जाप करते हुए पूजा संपन्न की जाती है.
महादेव को लगाएं किन चीजों का भोग
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर महादेव को ठंडाई, हलवा, भांग के पकौड़े, मालपुआ और लस्सी का भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा मखाने की खीर का भोग लगाया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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