Janaki Jayanti 2025: फरवरी में किस दिन रखा जाएगा जानकी जयंती का व्रत, यहां जानिए पूजा की विधि
February 7, 2025 | by Deshvidesh News

Janaki Jayanti 2025: माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है इसीलिए जानकी जयंती को सीता अष्टमी और सीता जयंती के नाम से भी जानते हैं. जानकी जयंती की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जानकी जयंती मनाई जाती है. माना जाता है कि जानकी जंयती पर विवाहित महिलाओं का व्रत रखना बेहद शुभ होता है. यहां जानिए फरवरी के महीने में जानकी जयंती किस दिन है और किस तरह इस दिन माता जानकी की पूजा (Mata Janaki Puja) संपन्न की जा सकती है.
Jaya Ekadashi: कब होगा जया एकादशी व्रत का पारण, जानिए राशि के अनुसार कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा
जानकी जयंती कब है | Janaki Jayanti Date
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जानकी जयंती 21 फरवरी, शुक्रवार के दिन है और इसी दिन जानकी जयंती का व्रत रखा जाएगा. इस दिन माता जानकी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि माता जानकी का पूजन करने पर पति को दीर्घायु का वरदान मिलता है.
जानकी जयंती की पूजा विधि
जानकी जयंती पर माता जानकी की पूरे मनोभाव से पूजा की जाती है. पूजा करने के लिए सुबह स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और माता सीता (Mata Sita) का ध्यान लगाकर व्रत का संकल्प लिया जाता है. पूजा करने के लिए मंदिर में चौकी सजाकर लाल रंग का कपड़ा बिछाया जाता है और माता सीता और प्रभु श्रीराम की प्रतिमा इस चौकी पर सजाई जाती है.
प्रतिमा स्थापित कर देने के बाद रोली, अक्षत और फूल आदि अर्पित किए जाते हैं. माता जानकी के समक्ष हाथ जोड़कर जानकी जयंती की व्रत कथा पढ़ी जाती है. इसके बाद माता जानकी के मंत्रों का जाप किया जाता है और माता जानकी की आरती करने के पश्चता भोग लगाकर पूजा संपन्न की जाती है.
माता जानकी के मंत्र
श्री सीतायै नम:
ॐ जानकीवल्लभाय नमः
श्रीसीता-रामाय नम:
जानकी माता की आरती
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
जगत-जननि जगकी विस्तारिणि,
नित्य सत्य साकेत विहारिणि।
परम दयामयि दीनोद्धारिणि,
मैया भक्तन-हितकारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि,
पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि,
त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।।
विमल-कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पावन मति आई।
सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी,
शरणागत-जन-भय-हारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कौन सा तेल है बेस्ट? न्यूट्रिशनिष्ट ने इस ऑयल को बताया सबसे बेकार
February 2, 2025 | by Deshvidesh News
दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीट मुस्तफाबाद पर कैसे जीते बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट? AAP क्यों हारी
February 10, 2025 | by Deshvidesh News
गणतंत्र दिवस की राष्ट्रीय परेड में गुजरात की हैट्रिक, तीसरी बार पॉपुलर चॉइस श्रेणी में बना पहली पसंद
January 30, 2025 | by Deshvidesh News