BSP की बड़ी बैठक… आकाश के बाद अब ईशान पर फैसला कर सकती हैं मायावती
March 2, 2025 | by Deshvidesh News

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के जन्मदिन पर लखनऊ में देश भर के बीएसपी नेता जुटे. हर साल 15 जनवरी को उनका बर्थ डे मनाया जाता है. पहले तो केक कटता था, गाने बजते थे. पर बाद में पार्टी के एक विधायक की दबंगई के बाद ये सब बंद हो गया. इस साल मायावती के जन्मदिन पर पहली बार उनके छोटे भतीजे ईशान आनंद भी साथ थे. अगले दिन मायावती ने पार्टी ऑफिस में नेताओं की बैठक बुलाई. प्रेस फोटोग्राफर पहुंचे तो मायावती ने आकाश को बाईं ओर और ईशान को दाईं ओर बुला लिया. चर्चा शुरू हो गई कि बड़े भाई आकाश की तरह ही ईशान की भी राजनीति में एंट्री होने वाली है.
मायावती के बाद कौन!
ईशान आनंद की पिछले महीने शादी तय हो गई है. रोका भी हो गया. इसे बड़ा गुप्त रखा गया. सिर्फ़ परिवार के लोग ही इस कार्यक्रम में शामिल हुए. ऐसे ही दो साल पहले आकाश आनंद की शादी हुई थी. शादी के कुछ ही महीनों बाद मायावती ने उन्हें अपना राजनैतिक घोषित कर दिया. मायावती के बाद कौन! इस पर लगातार बने सस्पेंस को बीएसपी चीफ ने खत्म कर दिया था. कहा गया कि आकाश के लिए शादी गुडलक रहा.
मायावती ने भतीजों को बुलाया लखनऊ
अब ईशान आनंद की भी शादी तय हो गई है. मायावती ने लखनऊ में बीएसपी नेताओं की एक मीटिंग बुलाई है. जिसमें पार्टी के देश भर के नेता आ रहें हैं. तो क्या इतिहास एक बार फिर अपने को दुहराने वाला है. इस बैठक के लिए मायावती ने अपने दोनों भतीजों को लखनऊ बुलाया है. आकाश की तरह ही ईशान भी कुछ महीने पहले विदेश से पढ़ाई कर लौटे हैं. दोनों ही मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं.
आकाश आनंद को बीएसपी में कोई पद नहीं…
करीब चार सालों तक मायावती ने आकाश आनंद को बीएसपी में कोई पद नहीं दिया था. वे कई मौकों पर अपनी बुआ के साथ नज़र आते थे. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन था. जब भी विपक्ष का कोई बड़ा नेता मायावती से मिलने आता तो आनंद भी मौजूद रहते थे. मायावती ने आनंद को पहले संगठन से लेकर चुनाव मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी. फिर कई राज्यों में चुनाव कराने के लिए भेजा. तब उन्होंने आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया था.
चुनाव दर चुनाव बीएसपी का ग्राफ़ गिरता जा रहा
ईशान आनंद को बीएसपी में बहुत काम करने का मौक़ा नहीं मिला है. लेकिन बीते कुछ सालों में पार्टी की हालत बहुत ख़राब हो गई है. चुनाव दर चुनाव बीएसपी का ग्राफ़ गिरता जा रहा है. बीएसपी अपने सबसे मज़बूत गढ़ में सबसे संकट में है. आज़ाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर रावण विकल्प बन कर उभर रहे हैं. ऐसे में हो सकता है मायावती ने ईशान के लिए कुछ सोचा है. बीएसपी में उन्हें कोई ज़िम्मेदारी देने का प्लान हो. वैसे ऐसा होने पर मायावती पर परिवारवाद का भी आरोप लगेगा. पर मायावती इन सबकी फ़िक्र नहीं करती है.
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