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सावरकर टिप्‍पणी मामला: पुणे की अदालत ने मानहानि केस में राहुल गांधी को दी जमानत 

January 11, 2025 | by Deshvidesh News

सावरकर टिप्‍पणी मामला: पुणे की अदालत ने मानहानि केस में राहुल गांधी को दी जमानत

पुणे की एक विशेष अदालत ने हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जमानत दे दी. उनके वकील ने बताया कि सांसद/विधायक अदालत ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश होने के बाद 25,000 रुपये के जमानती मुचलके पर जमानत दे दी. न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) और सांसद/विधायक मामलों के विशेष न्यायाधीश अमोल शिंदे की अदालत में गांधी (54) के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन जोशी जमानतदार के रूप में पेश हुए.

गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मिलिंद पवार ने कहा कि उनके मुवक्किल के अदालत में पेश होने के तुरंत बाद उन्होंने जमानत याचिका दायर की. उन्होंने बताया कि न्यायाधीश ने याचिका स्वीकार कर ली और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को 25,000 रुपये के जमानती मुचलके पर जमानत दे दी. पवार ने कहा कि अदालत ने कांग्रेस नेता को अपने समक्ष उपस्थित होने से स्थायी छूट भी प्रदान कर दी.

सावरकल के पोते की शिकायत पर मामला दर्ज

यह मामला वी. डी. सावरकर के पोते सत्यकी की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में एक कार्यक्रम में हिंदुत्व विचारक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.

इससे पहले, सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील संग्राम कोल्हटकर ने गांधी की डिजिटल उपस्थिति की मांग वाली अर्जी पर आपत्ति जताई थी.

कोल्हटकर ने दलील दी कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी आरोपी को जमानत हासिल करने से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश होने की अनुमति देता हो.

अदालत ने हालांकि गांधी को कार्यवाही में ऑनलाइन भाग लेने की अनुमति दे दी.

मामले में अगली सुनवाई अब 18 फरवरी को होगी.

क्‍या है राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत?

शिकायत के अनुसार, गांधी ने लंदन के एक कार्यक्रम में कहा कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) खुशी हुई थी.

शिकायत में कहा गया कि स्वतंत्रता सेनानी ने ऐसा कहीं नहीं लिखा और कांग्रेस नेता की टिप्पणी का उद्देश्य उन्हें बदनाम करना था.

उस समय अदालत ने पुणे पुलिस को आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.

विश्रामबाग पुलिस ने जांच के बाद कहा कि शिकायत में प्रथम दृष्टया सच्चाई है.

गांधी संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने का हवाला देते हुए दो दिसंबर को अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे.

उनके वकील पवार ने तब आश्वासन दिया था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष 10 जनवरी को अदालत में पेश होंगे.

 

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