Hindi autobiography: An excerpt from ‘Zindagi Ko Dhoondhate Hue’, by Sheoraj Singh Bechain
January 10, 2025 | by Deshvidesh News

श्यौराज सिंह बेचैन के किताब ज़िन्दगी को ढूँढ़ते हुए : आत्मकथा-2 का एक अंश, वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित।
लम्बा समय गुज़र गया। इस बीच एक पीढ़ी जन्मी और जवान हो गयी, परन्तु एक ब्राह्मण की रसोई का स्वाद है कि मुझे आज भी ऐसा लगता है, जैसे अभी-अभी चखा है। आप जानना चाहेंगे कि वह स्वाद कैसा था?
वाक़या सन् 1986-87 का है। उन दिनों मेरा एक नया-नया मित्र बना था विनोद गोस्वामी। विनोद मेरे कवि रूप का प्रशंसक था और मेरा वही गुण उसके लिए मेरे प्रति आकर्षण और लगाव का कारण था। कविता प्रतियोगिता में विनोद ने भी अपनी एक मौलिक कविता प्रस्तुत की थी। विनोद का सम्बन्ध पाली मुकीमपुर (अतरौली) से भी था। वहाँ उसके बुआ-फूफा थे। मैं माँ के पुनर्विवाह के बाद पाली गया था। मेरे सौतेले पिता और भाई की विनोद से अच्छी जान-पहचान थी। विनोद की अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ थी। तेजसिंह को उसने कुछ दिन ट्यूशन पढ़ाया था।
विनोद एम.एससी. कर रहा था। उसकी माली हालत अच्छी थी। पिता ‘नरसैना’ गाँव के प्रधान थे। साठ-सत्तर बीघा उपजाऊ ज़मीन वाले विनोद ने मुझसे कहा था, “कोई छोटा-सस्ता कमरा तुम्हारे आसपास मिले तो बताना। मैं तुम्हारे पास रहना चाहता हूँ। पिताजी अधिक दे सकते हैं। पर मैं माँग नहीं…
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
Assam DEE Teacher recruitment 2025: Apply for 4500 Teacher posts from February 15, details here
January 13, 2025 | by Deshvidesh News
Kolkata doctor’s rape, murder: CBI moves High Court seeking death sentence for convict
January 23, 2025 | by Deshvidesh News
Madhya Pradesh: After Indore, Bhopal bans begging in public places
February 4, 2025 | by Deshvidesh News