अध्ययन ने बताया गट माइक्रोबायोम से कैसे जुड़ा है मल्टीपल स्केलेरोसिस का जोखिम
February 21, 2025 | by Deshvidesh News

गट माइक्रोबायोम (आंत में मौजूद सूक्ष्म जीव) मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) नामक बीमारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह एक ऑटोइम्यून रोग है, जो हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है, जिससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि कुछ लोगों को यह बीमारी क्यों होती है. हमारी आंत में खरबों बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं, जिन्हें मिलाकर माइक्रोबायोम कहा जाता है. ये जीव हमारे पाचन तंत्र में रहते हैं और हमारे स्वास्थ्य पर असर डालते हैं. अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि एमएस के मरीजों की आंत में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया की मात्रा सामान्य लोगों की तुलना में अलग होती है. साथ ही, इन मरीजों में “इम्युनोग्लोबुलिन ए (आईजीए)” नामक एंटीबॉडी से ढके बैक्टीरिया की संख्या भी कम पाई गई.
शोध की मुख्य वैज्ञानिक, एसोसिएट प्रोफेसर एरिन लॉन्गब्रेक के अनुसार, “जब एमएस के मरीजों में आईजीए से ढके बैक्टीरिया कम होते हैं, तो यह दर्शाता है कि उनके शरीर और आंत के जीवों के बीच संतुलन बिगड़ गया है. संभव है कि पर्यावरणीय कारणों से आंत के बैक्टीरिया में बदलाव होता है, जिससे एमएस होने की संभावना बढ़ जाती है.” यह अध्ययन “न्यूरोलॉजी न्यूरोइम्यूनोलॉजी एंड न्यूरोइन्फ्लेमेशन” पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इसमें 43 ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें हाल ही में एमएस हुआ था और उन्होंने अभी तक कोई इलाज शुरू नहीं किया था. इनकी तुलना 42 स्वस्थ लोगों से की गई.
उनके मल के नमूनों की जांच से पता चला कि एमएस (मल्टीपल स्केलेरोसिस) के मरीजों में ‘फीकलिबैक्टीरियम’ नामक बैक्टीरिया कम थे, जबकि बिना इलाज वाले एमएस मरीजों में ‘मोनोग्लोबस’ नामक बैक्टीरिया ज्यादा थे. इन 43 मरीजों में से 19 को “बी-सेल डिप्लीशन थेरेपी” नामक इलाज दिया गया, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) की उन कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है, जो ऑटोइम्यून बीमारियों को बढ़ाती हैं. इलाज के छह महीने बाद, जब दोबारा इनके मल के नमूने लिए गए, तो इनके गट माइक्रोबायोम स्वस्थ लोगों की तरह हो गए.
प्रोफेसर लॉन्गब्रेक ने कहा कि इस अध्ययन से यह समझने में मदद मिलती है कि यह दवा एमएस के इलाज में कैसे काम करती है. इसके जरिए यह भी जाना जा सकता है कि कुछ लोगों को एमएस क्यों होता है, जबकि अन्य लोग इससे सुरक्षित रहते हैं.
Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
नीतीश कुमार के 12 लाख नौकरी की घोषणा के तहत अब तक 9 लाख से अधिक लोगों को मिली सरकारी नौकरी
February 5, 2025 | by Deshvidesh News
जब बेटी ईशा देओल का मम्मी हेमा मालिनी ने करवाया था ड्रग टेस्ट, बेटी के बारे में उड़ने लगी थीं ऐसी अफवाहें
January 22, 2025 | by Deshvidesh News
दिन के किस समय खाना चाहिए सुपर ड्राईफ्रूट किशमिश? कब होता है सबसे ज्यादा फायदेमंद
February 27, 2025 | by Deshvidesh News