हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और कैंसर जैसे रोगों के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग ड्राइव चला रही सरकार, अब बीमारियों को रोकना होगा आसान, जानें NCD अभियान के बारे में सबकुछ
February 21, 2025 | by Deshvidesh News

National NCD Program: देश में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज के बढ़ते बोझ को देखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को 30 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी व्यक्तियों की मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य गैर-संचारी रोगों तथा सामान्य कैंसर के लिए 100 प्रतिशत जांच करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया. केन्द्र सरकार ने NCD यानी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज की जांच के लिए महाअभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत ब्लड प्रेशर, मधुमेह या मुंह, स्तन या सर्विकल कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों की होगी जांच.
क्या है ये अभियान?
NCD मतलब गैर-छुआछूत के रोग यानी जो रोग एक इंसान से दूसरे इंसान में संपर्क से संचारित नहीं होते. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को गैर-छुआछूत के रोगों और सामान्य कैंसर का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर 30 वर्ष और इससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की 100 प्रतिशत जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है. यह अभियान 20 फरवरी से 30 मार्च तक चलेगा.
कैसे होगा काम?
इस अभियान का उद्देश्य वास्तविक समय पर निगरानी करना है और साथ ही साथ एनसीडी से जुड़ी जटिलताओं को कम करना भी है. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए डेटा की जांच, उपचार और फॉलो-अप प्रतिदिन एनपी-एनसीडी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. इसमें बहु-स्तरीय समन्वय शामिल होगा. नोडल अधिकारियों को सुविधा, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर नियुक्त किया जाएगा. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश रोज शाम 6 बजे तक मंत्रालय को अपडेट देंगे, जिससे निरंतर निगरानी और तकनीकी सहायता मिल सकेगी. अभियान का उद्देश्य संरचित उपचार और फॉलो-अप प्रोटोकॉल स्थापित करके देखभाल से जुड़ाव में सुधार करना भी है.
अभियान का मकसद और अपेक्षित परिणाम (Campaign Objectives and Expected Outcomes)
100% जांच कवरेज: अभियान का उद्देश्य 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को यूनिवर्सल कवरेज देना है, ताकि एनसीडी के लिए समय पर पहचान और हस्तक्षेप को बढ़ावा दिया जा सके.
देखभाल से बेहतर जुड़ाव: जटिलताओं को कम करने और लॉन्ग टर्म डिजीज मैनेजमेंट को सुनिश्चित करने के लिए संरचित उपचार और अनुवर्ती प्रोटोकॉल स्थापित किए जाएंगे.
बेहतर हेल्थ आउटकम: अर्ली डायग्नोसिस और प्रभावी प्रबंधन को सक्षम करके, इस पहल से स्वास्थ्य सेवा की लागत कम होने, अस्पताल में भर्ती होने की संख्या कम होने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है.
एनसीडी स्क्रीनिंग कैम्पेन के हाईलाइट्स (Key Highlights of the NCD Screening Campaign)
डोर-टू-डोर आउटरीच: प्रशिक्षित आशा, एएनएम और फ्रंटलाइन हेल्थकेयर कार्यकर्ता व्यापक स्क्रीनिंग कवरेज सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक दौरे करेंगे. अभियान ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी आबादी को लक्षित करता है और दुर्गम क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है.
जरूरी मेडिकल सप्लाई: राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) सभी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर बीपी मॉनिटर, ग्लूकोमीटर और आवश्यक दवाओं सहित आवश्यक जांच और डायग्नोस्टिक टूल्स की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे.
रियल टाइम मॉनिटरिंग: जांच, डायग्नोसिस, ट्रीटमेंट और फॉलो अप्स पर डेली डेटा अपडेट एनपी-एनसीडी पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे, जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही और रियल टाइम प्रोसेस की ट्रैकिंग हो सकेगी.
मल्टी लेवल कोआर्डिनेशन: उचित एग्जीक्यूशन के लिए और ऑपरेशन की चुनौतियों को हल करने के लिए सुविधा, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे.
डेली प्रोग्रेस रिव्यू: राज्य और केंद्र शासित प्रदेश लगातार निगरानी और समय पर तकनीकी सहायता सुनिश्चित करते हुए शाम 6 बजे तक मंत्रालय को डेली प्रोग्रेस रिपोर्ट देंगे.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एनसीडी सामूहिक रूप से दुनिया भर में हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों और मधुमेह समेत कुद मौतों के 74 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं.
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