क्यों बढ़ जाता है यूरिक एसिड, जानें शरीर में नार्मल यूरिक एसिड लेवल कितना होना चाहिए? जान लें यूरिक एसिड को कम कैसे करें
February 19, 2025 | by Deshvidesh News

Uric Acid Kaise Control Kare: भागदौड़ से भरी और तेजी से बदलती आधुनिक जीवनशैली में सेहत से जुड़ी ऐसी कई दिक्कतों ने लोगों का ध्यान खींचा है, जिस पर समय से काबू नहीं पाया गया तो वह गंभीर बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है. खून में यूरिक एसिड लेवल का बढ़ना ऐसी ही एक समस्या है. मेडिकल जगत की भाषा में इसे हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है. हालांकि, यह किसी भी उम्र के इंसान को आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन उम्रदराज लोगों में इसके होने की आशंका ज्यादा होती है. आइए, हाइपरयूरिसीमिया (हाई यूरिक एसिड ), होने का कारण, उसके लक्षण और इलाज के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
हाइपरयूरिसीमिया/ हाई यूरिक एसिड होने का कारण क्या है? (What causes hyperuricemia? | Uric Acid Kyu Badh Jaata Hai)
शरीर के अंदर एक तरह के टॉक्सिन यानी प्यूरिन के टूटने से बनने वाले यूरिक एसिड का लेवल ब्लड में बढ़ जाने से हाइपरयूरिसीमिया की बीमारी सामने आती है. इसका सबसे बड़ा कारण गलत खानपान और किडनी की क्षमता में कमी को माना जाता है.हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपका यूरिक एसिड लेवल हाई है, लेकिन आपको कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो आपको हाइपरयूरिसीमिया के लिए इलाज की जरूरत नहीं हो सकती है. वहीं, लक्षण दिखने के बाद डॉक्टर ही बताएंगे कि यूरिक एसिड लेवल में किसी भी बदलाव को ट्रैक करने के लिए कितनी बार ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए.
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हाइपरयूरिसीमिया/हाई यूरिक एसिड के लक्षण कैसे होते हैं? (What are the symptoms of hyperuricemia? | Uric Acid Badhne ke Lakshan)
हाइपरयूरिसीमिया का प्रमुख लक्षण जोड़ों में सूजन, लालिमा और दर्द है. आमतौर पर इसकी शुरुआत पैर के अंगूठे को प्रभावित करने से होती है.इसके कुछ मरीजों को किडनी की पथरी की दिक्कत सामने आती है. इसके चलते कई बार पेट या आंतों में दर्द के लक्षण भी दिखते हैं. इसके अलावा पीठ दर्द, लगातार थकान, कमजोरी और गठिया वगैरह भी हाइपरयूरिसीमिया के लक्षण हैं.
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हाइपरयूरिसीमिया/हाई यूरिक एसिड का इलाज कैसे किया जाता है? (How is hyperuricemia treated? | Uric Acid ko kam kaise kare)
हाइपरयूरिसीमिया पर कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले खानपान में बदलाव की सलाह दी जाती है. डॉक्टर्स के मुताबिक, हाई-प्यूरीन वाले खाने-पीने के सामान से बचना अपने ब्लड में यूरिक एसिड लेवल को कम करने में मदद करने का सबसे अच्छा तरीका है. इसमें लाल मांस, मछली (विशेष रूप से लॉबस्टर और झींगा ), शराब और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप जैसे सोडा) वगैरह छोड़ने के लिए कहा जाता है. वहीं, कम-प्यूरीन वाली हेल्दी डाइट लेने के साथ ही नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने की सिफारिश की जाती है.
हाइपरयूरिसीमिया के मरीजों को डॉक्टर रोजाना भरपूर मात्रा में पानी और दूसरे तरल पदार्थ पीने के लिए कहते हैं. दवाइयों के मामले में डॉक्टर यूरिक एसिड के लेवल, गाउट और किडनी स्टोन वगैरह की टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेते हैं. आमतौर पर प्रिस्क्रिप्शन में ओवर-द-काउंटर और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयों को लिखा जाता है. ज्यादातर मामले में यह दिक्कत जल्द ही काबू में आ जाती है, लेकिन कई बार खासकर किडनी स्टोन के साइज बड़े होने पर डॉक्टर सर्जरी की जरूरत भी बताते हैं.
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