ED ने पिक्सियन मीडिया लिमिटेड के लिक्विडेटर को 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बहाल की
January 31, 2025 | by Deshvidesh News

प्रवर्तन निदेशालय ने पिक्सियन मीडिया लिमिटेड और पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड के लिक्विडेटर को लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बहाल कर दी है. यह संपत्तियां पहले मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अस्थायी रूप से कुर्क की गई थीं, क्योंकि कंपनी के पूर्व अधिकारियों ने बैंकों से धोखाधड़ी कर उनके पैसे का गबन किया था.
कैसे हुआ घोटाला?
ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज 7 एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी. ये मामले प्रबोध कुमार तिवारी उर्फ पी. के. तिवारी और उनकी कंपनियों- पिक्सियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड, महुआ मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी कम्युनिकेशन लिमिटेड, पिक्सियन विजन प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े थे, जिन्होंने 657.11 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की. ये एफआईआर पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों की शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थीं.
कैसे किया गया फंड का गबन?
ईडी की जांच में सामने आया कि पी. के. तिवारी और उनके परिवार ने बैंकों से धोखाधड़ी कर फर्जी इनवॉयस, सीए सर्टिफिकेट, बीमा पॉलिसी आदि के जरिए से लोन और नकद लोन सुविधाएं हासिल कीं. बाद में इन फंड्स को कई बार लेनदेन कर निजी संपत्तियों और संबंधित कंपनियों के नाम पर निवेश कर दिया गया.
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने 20 दिसंबर 2019 को PMLA के तहत संबंधित कंपनियों और लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. जांच के दौरान पी. के. तिवारी द्वारा खरीदी गई कई संपत्तियां ट्रेस की गईं, जो उनके परिवार और अन्य कंपनियों के नाम पर थीं. इसके बाद, ईडी ने 156.33 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं, जिसमें व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियां, बैंक खातों में जमा पैसे आदि शामिल थे. बाद में PMLA के न्यायनिर्णायक प्राधिकरण (Adjudicating Authority) ने इन कुर्कियों पर अपनी मुहर लगाई.
संपत्तियां बैंकों को वापस क्यों दी गईं?
पीड़ित बैंक समूह ने कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में मामला दायर किया था, जिसके बाद 22 अगस्त 2019 को लिक्विडेटर नियुक्त किया गया. बैंकों (जो इस मामले में वैध दावेदार थे) की ओर से लिक्विडेटर ने विशेष पीएमएलए कोर्ट (न्यायाधीश श्री शैलेंद्र मलिक) के समक्ष संपत्तियों की बहाली के लिए आवेदन दायर किया. ईडी ने भी इस अनुरोध को स्वीकार किया और पीएमएलए के तहत संपत्तियों को बैंकों के लिए बहाल करने की सहमति दी.
कोर्ट का आदेश
29 जनवरी 2025 को विशेष पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की दलीलों को स्वीकार करते हुए लिक्विडेटर को 100 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां बहाल करने का आदेश दिया. अब इन संपत्तियों का उपयोग बैंकों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा. ईडी मामले की आगे जांच कर रही है और अन्य संपत्तियों की भी पहचान की जा सकती है.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
मरीज बनकर पहुंचे थे अपराधी, डॉक्टर को बंधक बना 3.5 लाख नकदी समेत 10 लाख के गहने लूटे
January 25, 2025 | by Deshvidesh News
महिलाओं को क्यों करना चाहिए कच्चे नारियल का सेवन, वजह जान चौंक जाएंगे
January 18, 2025 | by Deshvidesh News
महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग ने काम शुरू किया
January 30, 2025 | by Deshvidesh News