बेरहमी से हत्या, डीजल छिड़क सबूत मिटाने की कोशिश; पुलिस ने बताया रूह कंपा देने वाला सच
January 27, 2025 | by Deshvidesh News

दिल्ली में महिला की गला दबाकर हत्या की गई फिर उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे जला दिया गया. गाजीपुर में अंजाम दिए गए इस खौफनाक हत्याकांड की गुत्थी को दिल्ली पुलिस ने सुलझा लिया है. इस मामले में हत्या करने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि मृतक लड़की का चचेरा भाई अमित तिवारी निकला. इस मर्डर मामले में अमित तिवारी और उसके दोस्त अनुज को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में पूर्वी दिल्ली डीसीपी अभिषेक धनिया ने जो खुलासे किए हैं, उसके बारे में सुनकर ही कोई भी सहम जाएगा.
चेचेर भाई के साथ लिवइन में थी महिला
डीसीपी ने बताया कि मृतक लड़की 22 साल की शिल्पा पांडे चचेरे भाई अमित तिवारी के साथ 1 साल से लिविंग रिलेशन में थी. शिल्पा अमित पर शादी के लिए दबाव बना रही थी. जबकि अमित शिल्पा से 1 साल से छुटकारा पाना चाह रहा था. 25 जनवरी को अमित काफी नशे में था ,उसका शिल्पा से झगड़ा हुआ और उसने शिल्पा का गला घोंट दिया. इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने अपने दोस्त पेशे से कैब ड्राइवर अनुज कुमार को फोन किया किया.
26 जनवरी के दिन जलाया शव
26 जनवरी को हाइअलर्ट के वक्त हत्या कर शव को जलाया था. अमित शव को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शव को कहीं ठिकाने लगाना चाहता था. वो अपनी ह्युंडई वर्ना कार से अनुज के साथ रेकी करने निकला और 2 जगहों पर उसकी चेकिंग भी हुई. इसलिए उसने आसपास ही शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. उसने गाजीपुर से एक पेट्रोल पंप से 160 रुपए का डीजल लिया.
सूटकेस में पैक कर शव में लगाई आग
शव को सूटकेस में पैक किया और गाजीपुर में सुनसान जगह पर सूटकेस फेंककर 26 जनवरी की सुबह करीब 1:45 बजे आग लगा दी. उसके बाद ये अनुज को छोड़कर ग्रेटर नोएडा चला गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने इसे वहां से गिरफ्तार किया. हमें हत्या की जानकारी सुबह 4:10 बजे मिली. जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती हैं, बॉडी जल चुकी थी पूरी तरह, कुछ नहीं बचा था उसमें. इस मा्मले में गाजीपुर थाने में हत्या और सबूत मिटाने का केस दर्ज किया. जांच के लिए कई टीम बनाई गई.
सीसीटीवी फुटेज से आरोपी तक पहुंची पुलिस
शुरुआत में हमारे पास कोई क्लू नहीं था. बस एक जला हुआ सूटकेस और जला हुआ शव मिला था. सीसीटीवी से 20 से 25 गाड़ियों की मूवमेंट की जांच करते हैं. तब जाकर एक यूपी नंबर ह्युंडई वर्ना गाड़ी संदिग्ध मिली. गाड़ी लोनी के एक शख्स के नाम से रजिस्टर्ड मिली. लोनी में जब उस शख्स से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि गाड़ी अमित तिवारी नाम के शख्स को बेच दी है. इसके बाद अमित तिवारी के बारे में जानकारी मिली. शिल्पा के माता पिता सूरत में रहते हैं और वहीं काम करते है. आरोपी अमित तिवारी अपने घर प्रयागराज भागने की फिराक में था.
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