
वडाला के शांति नगर से एक 13 साल के लड़के के लापता होने की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही थी. मगर अब पुलिस काफी माथापच्ची के बाद इस मामले को सुलझाने का दावा कर रही है. पुलिस ने एक संदिग्ध सीरियल किलर बिपुल शिकारी (39) पर लड़के की हत्या का आरोप लगाया है. पुलिस ने कहा कि बिपुल शिकारी ने मोहम्मद शहजाद नाम के लड़के की हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया है. वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस ने पहले अपराध को अपहरण के मामले के रूप में दर्ज किया था. इससे पहले बिपुल शिकारी को अपने 12 वर्षीय पड़ोसी संदीप यादव की हत्या के बाद मुंबई से भागने के बाद अगस्त 2024 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
जब शहजाद घर नहीं लौटा
पुलिस ने कहा कि शहजाद 12 जनवरी, 2024 को लापता हो गया था. लड़का स्कूल से घर लौटा और बाद में बाहर चला गया, लेकिन उसे फिर कभी नहीं देखा गया. बिपुल शिकारी के बयान के आधार पर काफी तलाश की गई लेकिन लड़के का शव नहीं मिला. पुलिस शिकारी के कबूलनामे, सीसीटीवी फुटेज और उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अंतिम बार देखे गए सबूत पर ही भरोसा कर रही है. वडाला टीटी पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “सबूतों की कमी के बावजूद, आरोपी ने अपराध स्वीकार कर लिया है, और परिस्थितिजन्य सबूत भी हमारे पक्ष में हैं. हमने आधिकारिक तौर पर अपहरण के मामले को हत्या के मामले में बदल दिया है और बुधवार को बिपुल शिकारी को गिरफ्तार कर लिया है.”
7 लोगों की हत्या का जुर्म कबूला
जब नई दिल्ली से आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, तब उसने पुलिस को बताया था कि उसने अपनी पत्नी और सौतेली बेटी सहित कम से कम सात अन्य लोगों की हत्या की है. पुलिस ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान पैरोल पर बाहर निकलने के बाद उसने मुंबई में तीन हत्याएं कीं और बाकी पीड़ितों के शवों की तलाश जारी है. 12 जनवरी 2024 के दिन वडाला में मछली बेचने वाले का 12 वर्षीय बेटा 28 जनवरी को लापता हो गया था. अगले दिन स्थानीय लोगों ने आरोपी बिपुल शिकारी को पकड़ लिया, जिसके साथ लड़के को आखिरी बार देखा गया था और उसे वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस स्टेशन ले गए. लेकिन शिकारी अपना चेहरा धोने के बहाने मौके से भाग गया. 4 मार्च को वडाला के पास मैंग्रोव के बीच लड़के का क्षत-विक्षत शव मिला, जिसके बाद पुलिस ने शिकारी की तलाश शुरू कर दी.
पुलिस ने क्या कुछ बताया
एक पुलिस अधिकारी ने बताया था, “जांच के दौरान, हमें पता चला कि बिपुल शिकारी पश्चिम बंगाल, दिल्ली और मध्य प्रदेश के रेड लाइट इलाकों में दलाल के रूप में काम करता था और उसने अप्रैल 2012 में सोनागाछी (पश्चिम बंगाल) में अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी, जिसके लिए उसे 2016 में दोषी ठहराया गया था. हमें यह भी पता चला कि महामारी के दौरान उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन अपनी बची हुई सजा काटने के लिए वह कभी जेल नहीं लौटा.” बिपुल शिकारी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी सौतेली बेटी की हत्या कर दी थी.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया था, “सौतेली बेटी अपनी मां और शिकारी के बीच के रिश्ते से नाराज थी, इसलिए उसने उसे मार डाला. उसने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कल्याणी में एक गिरोह का हिस्सा होने की बात भी कबूल की, जब उसने तीन अन्य लोगों की हत्या की थी.” महामारी के दौरान शिकारी के पैरोल पर छूटने के बाद, वह अपने दोस्त राजू मंडल की मदद से मुंबई चला गया, जो भी उसके साथ आ गया और दोनों ने वडाला में रहना शुरू कर दिया. पुलिस अधिकारी ने बताया, “शुरुआत में, शिकारी वडाला में एक निर्माण स्थल पर चौकीदार के रूप में काम करता था. बाद में, उसने लोहा और स्टील चुराना शुरू कर दिया, जिसे बेचकर वो रोजाना लगभग ₹2,000-3,000 कमाता था.”
दोस्त की भी की हत्या
दिसंबर 2023 में जब शिकारी और मंडल के बीच शराब पीने के दौरान बहस हुई, तो मंडल ने उसे धमकी दी कि वह पुलिस को शिकारी के पैरोल से भागने के बारे में बता देगा. इससे शिकारी नाराज हो गया और उसने उसकी हत्या कर दी और उसके शव को वडाला में भक्ति पार्क के पास एक नाले में फेंक दिया और वहां से भाग गया.”
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