युगांडा में खसरे के प्रकोप से पांच बच्चों की मौत, जानिए क्या है इस बीमारी के लक्षण और बचाव
January 25, 2025 | by Deshvidesh News

युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश के उत्तर-पूर्वी जिलों नाबिलातुक और अमुदात में खसरा से पांच बच्चों की मौत हो गई है. नाबिलातुक में चार और अमुदात में एक बच्चे की जान गई. इसके अलावा, 11 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और 5 अन्य को बाहरी विभाग में इलाज दिया जा रहा है. मंत्रालय ने 6 जनवरी को अमुदात जिले में खसरा का प्रकोप होने की पुष्टि की. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार नाबिलातुक में अब तक 147 मामले और 4 मौतें दर्ज हुई हैं, जबकि अमुदात में 47 मामले और 1 मौत की सूचना है.
अमुदात जिले की टास्क फोर्स ने 15 जनवरी को पहली बैठक की, जिसमें बीमारी को रोकने और नियंत्रण के लिए संसाधन जुटाने की योजना बनाई गई. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, पिछले साल देश के 56 जिलों में खसरा का प्रकोप देखा गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस के कारण होती है. यह संक्रमित व्यक्ति के सांस लेने, खांसने या छींकने से फैलती है. खसरा खासतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है और गंभीर बीमारी, जटिलताओं और मौत का कारण बन सकता है.
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खसरा सांस तंत्र को प्रभावित करता है और पूरे शरीर में फैल जाता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और पूरे शरीर पर दाने शामिल हैं.खसरा से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है. यह टीका सुरक्षित है और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है.
1963 में खसरा का टीका आने से पहले हर दो से तीन साल में बड़े पैमाने पर खसरा की महामारी फैलती थी, जिससे हर साल लगभग 26 लाख मौतें होती थीं. 2023 में खसरा से 1,07,500 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे, जबकि सुरक्षित और सस्ता टीका उपलब्ध है.
खसरा होने के कारण:
रूबेला वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक, और सांस के जरिए फैलता है. वायरस हवा में मौजूद छोटी-छोटी बूंदों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है.
टीकाकरण न करवाना:
जिन बच्चों को खसरे का टीका (MMR टीका) नहीं दिया गया है, उन्हें खसरे का खतरा अधिक होता है.
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे भी जल्दी संक्रमित हो सकते हैं.
भीड़भाड़ वाले स्थान:
स्कूल, सार्वजनिक स्थान, और ऐसे क्षेत्र जहां ज्यादा लोग मौजूद हों, वहां यह बीमारी तेजी से फैलती है.
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी):
कुपोषण, कमजोर इम्यून सिस्टम, और विटामिन ए की कमी वाले लोग खसरे के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना:
यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के पास 1-2 घंटे तक रहते हैं, तो आपको भी खसरे का संक्रमण हो सकता है.
खसरे के लक्षण:
- बुखार (आमतौर पर 101°F से 104°F तक).
- पूरे शरीर पर लाल चकत्ते (Rash).
- गले में खराश.
- खांसी और नाक बहना.
- आंखों में लाली (Conjunctivitis).
- कोप्लिक स्पॉट्स (Koplik Spots): गाल के अंदर सफेद धब्बे.
खसरे से बचाव:
- MMR (Measles, Mumps, Rubella) वैक्सीन खसरे से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है.
- यह 9 महीने और 15 महीने की उम्र में दिया जाता है.
- खसरे के मरीज के संपर्क से बचें, खासकर तब जब वह शुरुआती अवस्था में हो.
- विटामिन ए से भरपूर आहार लें.
- स्वस्थ और संतुलित भोजन खाएं.
- बार-बार हाथ धोएं.
- खांसते और छींकते समय मुंह को ढकें.
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