पुणे में गुलेन बैरी सिंड्रोम के मिले 22 मरीज, जानें क्या होती है ये बीमारी, लक्षण और इलाज
January 22, 2025 | by Deshvidesh News

महाराष्ट्र के पुणे में हाल ही में ‘गुलेन बैरी सिंड्रोम’ (GBS) के 22 नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. ये मामले पुणे के तीन अलग-अलग अस्पतालों में दर्ज किए गए हैं. एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है. इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से तंत्रिका तंत्र (Nervous System) पर हमला कर देता है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और कभी-कभी लकवा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
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गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) क्या है?
गुलेन बैरी सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं (peripheral nerves) को नुकसान पहुंचाती है. इसके कारण नर्व्स में सूजन होती है और मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी और कई बार गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत तक हो सकती है.
GBS का सही कारण अभी तक साफ नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह संक्रमण के बाद विकसित हो सकता है, जैसे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण.
गुलेन बैरी सिंड्रोम के लक्षण
- मांसपेशियों में अचानक कमजोरी
- झुनझुनी या सुन्नता (खासकर हाथों और पैरों में)
- संतुलन में कमी या चलने में कठिनाई
- सांस लेने में परेशानी (गंभीर मामलों में)
- तेज दिल की धड़कन या ब्लड प्रेशर में बदलाव
गुलेन बैरी सिंड्रोम का इलाज और मैनेजमेंट
- इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG): यह इलाज शरीर की इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करता है.
- प्लाज्मा फेरसिस: इसमें खून से हानिकारक एंटीबॉडी हटाई जाती हैं.
- संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें.
- अगर मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी या अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- किसी भी तरह के संक्रमण के बाद शरीर में बदलाव महसूस होने पर सतर्क रहें.
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