गुड़िया रेप-मर्डर केस से जुड़े एक मामले में आईजी सहित 8 पुलिसकर्मी दोषी करार, 27 जनवरी को सुनाई जाएगी सजा
January 19, 2025 | by Deshvidesh News

हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर मामले से जुड़े एक मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में हिमाचल प्रदेश के आईजी जहूर जैदी सहित आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है. वहीं तत्कालीन एसपी डी नेगी को अदालत ने बरी कर दिया है. इस मामले में अब 27 जनवरी को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में 2017 में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या का एक आरोपी सूरज 18 जुलाई 2017 को कोटखाई पुलिस थाने में मृत पाया गया था. इस मामले में जैदी और सात अन्य को गिरफ्तार किया गया था.
अदालत ने आईजी जहूर जैदी के साथ ही DSP मनोज जोशी, तत्कालीन उपनिरीक्षक राजिंदर सिंह, तत्कालीन सहायक उपनिरीक्षक दीपचंद शर्मा, तत्कालीन हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और तत्कालीन कांस्टेबल रंजीत सटेटा को भी दोषी ठहराया.
सीबीआई मामलों की विशेष न्यायाधीश अलका मलिक 27 जनवरी को सजा सुनाएगी.
इन धाराओं के तहत ठहराया दोषी
सीबीआई के लोक अभियोजक अमित जिंदल ने बताया कि आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के साथ 120-बी, 330 (स्वीकारोक्ति करवाने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना), 348 (स्वीकारोक्ति करवाने के लिए गलत तरीके से बंधक बनाना) और 195 (झूठे साक्ष्य देना) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है.
चार जुलाई 2017 को कोटखाई में एक 16 वर्षीय लड़की लापता हो गई थी और उसका शव दो दिन बाद छह जुलाई को हलैला के जंगलों में मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई और मामला दर्ज किया गया.
जैैदी की अध्यक्षता में बनी थी एसआईटी
राज्य में भारी जनाक्रोश के बीच तत्कालीन राज्य सरकार ने जैदी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया था. एसआईटी ने छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक सूरज की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.
पुलिस अधिकारियों ने सूरज की हत्या के लिए राजिंदर (सामूहिक बलात्कार मामले के एक आरोपी) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
सीबीआई ने की थी गिरफ्तारी
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी. इसके बाद सीबीआई ने हिरासत में हुई मौत के सिलसिले में जैदी, डीसीपी जोशी और अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया.
सीबीआई ने आपराधिक साजिश, हत्या, झूठे साक्ष्य गढ़ने, सबूत नष्ट करने, कबूलनामा लेने के लिए पुलिस हिरासत में यातना देने, झूठे रिकॉर्ड तैयार करने आदि के लिए गहन जांच के बाद आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.
बाद में शीर्ष अदालत ने मई 2019 में हिरासत में हुई मौत से संबंधित मामले को शिमला से चंडीगढ़ स्थानांतरित कर दिया.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
15 दिन सुबह खाली पेट पानी में उबालकर पी लें ये 3 चीजें, फिर जो होगा उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते आप
January 22, 2025 | by Deshvidesh News
CGSOS Open School: छत्तीसगढ़ ओपन बोर्ड कक्षा 10वीं, 12वीं परीक्षाएं 26 मार्च से, सिंगल शिफ्ट में होगी परीक्षा
January 29, 2025 | by Deshvidesh News
Budget 2025: कैंसर का इलाज होगा अब सस्ता, बजट में सस्ती की गई कई दवाइयां और मेडिकल उपकरण
February 1, 2025 | by Deshvidesh News