मां-बाप और अपना किया पिंडदान, देखिए महाकुंभ में सबकुछ त्याग 1500 कैसे बने नागा साधु
January 19, 2025 | by Deshvidesh News

महाकुंभ हो या कुंभ, आप बगैर नागा साधुओं की इसकी कल्पना नहीं कर सकते. अगर हम ये कहें कि महाकुंभ जैसे आयोजन को नागा साधुओं से जोड़ने की एक आम धारना है तो ये कहीं से गलत नहीं होगा. नागा साधु हर बार कुंभ में आकर्षण का केंद्र होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि एक नागा साधु बनने के लिए कितना त्याग करना पड़ता है.प्रयागराज में शनिवार को 1500 नए नागा संन्यासी बनें.इन सभी संन्यासियों ने जूना अखाड़ा की दीक्षा ग्रहण की है.

संगम घाट पर नागा साधु
कैसे बनते हैं नागा साधु
कहा जाता है कि नागा साधु बनना इतना आसान भी नहीं होता है. अखाड़ा समिति के द्वारा किसी शख्स को नागा साधु बनाया जाता है. नागा साधु बनने के लिए उस शख्स को कई तरह की परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है. इस प्रक्रिया में 6 महीने से एक साल तक का समय लग जाता है. इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए साधक को 5 गुरु से दीक्षा हासिल करनी होती है. जिनमें शिव, विष्णु, शक्ति, सूर्य और भगवान गणेश शामिल होते हैं. इन्हें पंच देव भी कहा जाता है.

महाकुंभ में संगम घाट पर नागा साधु
नागा साधु बनने के लिए उस शख्स को सांसारिक जीवन का पूरी तरह से त्याग करना होता है. साथ ही वह स्वंय का पिंडदान भी करता है. नागा साधुओं की एक विशेषता ये भी होता है कि वह भिक्षा में प्राप्त भोजन को ही ग्रहण करते हैं. अगर किसी दिन साधु को भोजन नहीं मिला तो उन्हें उस दिन भूखे ही रहना होगा.
सात पीढ़ियों का किया पिंडदान
जिन 1500 लोग जूना अखाड़ा में बतौर नागा साधु अब शामिल हुए हैं उन्होंने ऐसा करने से पहले अपने माता-पिता सहित अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान कर दिया है. यानी अब इनका उनके घर परिवार से कोई नाता नहीं रहा है. अब ये नागा साधु जीवन भर सनातन धर्म की रक्षा, वैदिक परंपरा के संरक्षण और जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.

महाकुंभ में नागा साधुओं ने ली दीक्षा
पहले रजिस्ट्रेशन फिर इंटरव्यू तब हुआ चयन
नागा साधु बनने से पहले नागा साधु बनने की इच्छा रखने वाले लोगों को अपना रिजस्ट्रेशन करना पड़ा था. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उनके आवेदन की स्क्रीनिंग की गई. ये जांच नागा साधु बनाए जाने से पहले छह महीने तक चलती है. एक बार जब ये तय हो जाता है कि नागा साधु बनने के लिए जिस शख्स ने आवेदन किया है उसपर कोई आपराधिक मामला या उसके द्वारा कभी कोई गलत व्यवहार किए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है तो ही इस स्क्रीनिंग में पास किया जाता है. इसके बाद उस शख्स के बारे में अखाड़े के आचार्य को रिपोर्ट दी जाती है.

एक युवा ने बतौर नागा साधु ली दीक्षा
इस स्क्रीनिंग में पास होने वाले शख्स को नागा साधु बनाने से पहले अखाड़े के शीर्ष पदों पर आसीन संतों द्वारा इंटरव्यू किया जाता है. अगर वह उस इंटरव्यू में पास होता है तो ही उसे नागा साधु बनाया जाता है. नागा साधु के बनने के लिए चुने जाने के बाद आचार्य महामंडलेश्वर नागा साधु बनाए जाने की विधियों को करते हैं. इसके बाद सभी चुने गए उम्मीदवारों को अखाड़े के नियमों के बारे में बताया जाता है. इसके बाद उन्हें शपथ दिलाई जाती है. ये सब होने के बाद ही इन चुने गए साधुओं को अमृत स्नान के लिए भेजा जाता है.
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