कहीं टैक्स बचाने के लिए आप भी तो नहीं दे रहे रूम रेंट की फर्जी पर्ची, यह पढ़ लीजिए, फंस जाएंगे?
January 19, 2025 | by Deshvidesh News

देश में अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को टैक्स के रूप में देना भला किसे पसंद आता है. बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ लगाते हैं. कहीं पर राजनीतिक दलों को चंदा देने का झूठा दावा करते हैं तो कहीं पर रूम रेंट की फर्जी पर्ची बनाकर टैक्स बचाने का जतन करते हैं, लेकिन यह कोशिश उन्हें फंसा भी सकती है. अगर आप भी टैक्स बचाने के लिए अवैध तरीके अपना रहे हैं तो आज ही सावधान हो जाइये. यह तरीके आपको काफी महंगे पड़ सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर टैक्स चुकाने वाले ऐसे लोगों पर हैं, जो अवैध तरीके अपनाते हैं और टैक्स का कम भुगतान करते हैं. डिपार्टमेंट ने ऐसे लोगों पर नकेल कसना भी शुरू कर दिया है.
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, दिसंबर 2024 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 90 हजार करदाताओं को पकड़ा है, जिन्होंने फर्जी दान और निवेश दिखाकर अवैध रूप से टैक्स बचाने का प्रयास किया था.
राजनीतिक दलों को दान के झूठे दावे
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की हालिया जांच और सर्वेक्षणों में सामने आया है कि बड़ी संख्या में करदाताओं ने राजनीतिक दलों और धर्मार्थ संगठनों को दान देने के झूठे दावे किए हैं. इस तरह के झूठे दावों के कारण एक बड़ी राशि गलत तरीके से बचा ली गई. अब तक सामने आए मामलों के मुताबिक, गलत तरीके अपनाकर गलत तरीके से बचाई गई राशि 1,070 करोड़ रुपये है.
लोन और मकान किराये के दावे भी झूठे
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में सामने आया है कि कई लोगों ने टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग दावे किए. कुछ लोगों ने एज्युकेशन लोन पर ब्याज के भुगतान का दावा किया, जबकि यह लोन लिया ही नहीं गया. वहीं कुछ लोगों ने अपनी संपत्ति होने के बावजूद मकान किराया भते के दावे किए. धर्माथ दान और टैक्स फ्री निवेश के नाम पर भी धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.
इन प्रावधानों का उठा रहे फायदा
टैक्स बचाने के लिए हर कोई प्रयास करता है, लेकिन कुछ लोगों ने इसके लिए लिए अवैध तरीके तक अपनाने में कोई गुरेज नहीं किया. ऐसे लोगों ने सबसे ज्यादा जिन प्रावधानों का फायदा उठाकर अवैध रूप से टैक्स बचाया है, उनमें आयकर अधिनियम की धारा 80सी (निवेश छूट), 80डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम), 80ई (एज्युकेशन लोन), 80जी (दान), और 80जीजीबी और 80जीजीसी (राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्टों को दान) जैसे प्रावधान शामिल हैं.
ऐसे मामलों से निपटने के लिए क्या?
इस तरह के मामलों को लेकर डिपार्टमेंट ने कड़े उपायों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया अपना रहा है. झूठे दावे करने वाले कर्मचारियों और नियोक्ताओं को कानूनी र्कावाही से बचाने के लिए अपने टैक्स रिटर्न में बदलाव करने की सलाह दी गई है.
इस तरह के मामलों को लेकर अधिकारियों ने अनुमान जताया है कि धोखाधड़ी वाले दावों के मामलों की वास्तविक संख्या सामने आए आंकड़ों की तुलना में तीन गुना अधिक हो सकती है.
डिपार्टमेंट ने उन कंपनियों की जांच को तेज कर दी है, जहां पर पूर्व में भी इस तरह के मामले पाए गए हैं. साथ ही नियोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपने कर्मचारियों को इसे लेकर जानकारी दे.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स चोरी करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि इस तरह की अनियमितताओं के गंभीर परिणाम होंगे. साा ही डिपार्टमेंट ने सभी नागरिकों से किसी भी प्रकार की कर चोरी से बचने के साथ ही सटीक और सत्यापित दावे दाखिल करने की अपील की है.
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