90 घंटे काम करने के बाद अब मजदूरों को लेकर की टिप्पणी… पढ़ें L&T चेयरमैन के किस बयान की अब हो रही है चर्चा
February 12, 2025 | by Deshvidesh News

लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्ममण्यम एक बार फिर सुर्खियों में छाए हुए हैं. इस बार उन्होंने सरकारी स्कीमों का जिक्र करते हुए कुछ ऐसा कह दिया कि चर्चा गरमा गई. दरअसल, चेन्नई में मंगलवार को उन्होंने कहा कि वेलफेयर स्कीमों की वजह से कंस्ट्रक्शन लेबर काम करने से बचने लगी है. सीआईआई साउथ ग्लोबल लिंकेजेस समिट में उन्होंने कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री मजदूरों की कमी पर चिंता जताई है.
कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को लेकर बोले एसएन सुब्रह्ममण्यम
उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन के काम के लिए आजकल मजदूर पलायन करने के लिए तैयार नहीं होते हैं क्योंकि वो अपने घरों से दूर नहीं जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी स्कीम या फिर जनधन आदि अलग-अलग वेलफेयर स्कीमों के कारण मिलने वाले सीधे फायदों की वजह से वो कहीं जाने के लिए तैयार नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि मजदूर यहां मौका मिलने पर पलायन करने के लिए तैयार नहीं है. हो सकता है कि वो अपनी कमाई से खुश हैं या फिर हो सकता है कि वो अलग-अलग वेलफेयर स्कीमों की वजह से कहीं बाहर जाने के लिए तैयार नहीं होते हैं.
भारत के निर्माण पर होगा इसका असर
उन्होंने कहा कि श्रमिकों की कमी से भारत के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर असर पड़ेगा. एसएन सुब्रह्ममण्यम ने यह भी कहा कि भारत को माइग्रेशन की अजीबोगरीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जहां एलएंडटी को 4 लाख कर्मचारियों की जरूरत है लेकिन उसे 16 लाख लोगों को भर्ती करना पड़ रहा है. उन्होंने इंफ्लेशन के अनुरूप श्रमिकों के लिए वेतन में संशोधन की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने बताया कि मध्य पूर्व में श्रमिकों की संख्या भारत की तुलना में 3.5 गुना अधिक है.
पिछले महीने भी अपने बयान से विवाद में आए थे एलएंडटी चीफ
एलएंडटी के चेरयमैन ने कहा कि पिछले महीने वह चाहते थे कि उनके कर्मचारी रविवार को भी काम करें. उन्होंने कहा था, “आप घर पर बैठ कर क्या करते हैं? आप कितनी देर तक अपनी पत्नी को देख सकते हैं? चलिए ऑफिस आइए और काम कीजिए.”
कई उद्योगपतियों ने वर्क लाइफ बैलेंस की जरूरत पर की थी बात
इस बहस में अदार पूनावाला, आनंद महिंद्रा और आईटीसी के संजीव पुरी जैसे कई उद्योगपतियों ने वर्क लाइफ बैलेंस की जरूरत के बारे में बात की थी. यह मामला संसद तक तब पहुंचा जब सरकार ने पिछले हफ्ते संसद को बताया कि वह अधिकतम कार्य घंटों को बढ़ाकर 70 या 90 घंटे प्रति हफ्ता करने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
काबू, बादाम और किशमिश से भी टेस्टी और लाभकारी है ये मेवा, इसे भिगोकर खाने का भी कोई झंझट नहीं
January 29, 2025 | by Deshvidesh News
JEE Main Result 2025 पर बड़ी अपडेट, सत्र 1 परिणाम की घोषणा, 8 फरवरी को लेटेस्ट अपडेट
February 5, 2025 | by Deshvidesh News
इस अभिनेत्री को एक फिल्म निर्देशक की पत्नी ने सेट पर जड़ दिया था थप्पड़, क्यों इन्होंने अपना नाम बदल कर मरियम अख्तर मीर रख लिया ?
January 25, 2025 | by Deshvidesh News